PATNA : रक्षाबंधन पर पेड़ को राखी बंाधकर सीएम नीतीश कुमार ने तीन संकल्प किए। पहला पटना की हरियाली को क्भ् से क्7 फीसदी कर देंगे। दूसरा गंगा नदी में गंदगी जाने नहीं देंगे। तीसरा लावारिश पशुओं को सड़कों पर घूमने नहीं दिया जाएगा। जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सर्वे कर पूछा कि क्या सीएम साहब अपने तीनों संकल्प पूरा कर पाएंगे तो पटना की 80 फीसदी जनता का मानना है कि यह एक सपना है, जो सपना ही रह जाएगा। केवल ख्0 फीसदी लोग ही ऐसे थे जिनका यह मानना है कि वे अपने संकल्प पूरा कर पाएंगे। हालांकि सभी ने यह कहा कि अगर सीएम साहब अपने तीन संकल्प पूरा कर लेते हैं तो पटना की सूरत ही बदल जाएगी।

अगर ये संकल्प पूरे हो तो बदल जाएगी शहर की सूरत

सर्वे में जब लोगों से राय ली गई तो सभी का एक स्वर में यह कहना था कि सीएम ने जो तीन संकल्प लिए है, शहर की यही तीन बड़ी समस्याएं है। लेकिन यह संकल्प सिर्फ सपना बनकर ही रह जाएंगे। पिछले कई साल से सीएम साहब इस तरह के संकल्प त्यौहारों में लेते आए है लेकिन वे आज तक पूरे नहीं हो पाए। गंगा में गंदगी का जाना बदस्तूर जारी है। आवारा पशुओं से आए दिन सड़कों पर जाम लगता है। हरियाली इतनी कम है कि प्रदूषण में पटना देश में दूसरे नंबर पहुंच गया है।

ऑन व ऑफ लाइन हुआ सर्वे

यह सर्वे ऑनलाइन और ऑफलाइन किया गया। सर्वे में लगभग फ्भ्0 लोगों ने पार्टिसिपेट किया। जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल हुए। सैंपल में फ्0 प्रतिशत महिलाएं भी शामिल हुई।

क्या पटना की सड़कों से आवारा मवेशियों को हटाया जा सकता है?

पटना देश की एक मात्र राजधानी है जहां सड़क पर ही डेरी का बिजनेस चलता है। दिन भर गाय-भैंस सड़कों पर घूमती है, सुबह-शाम मालिक का पता चलता है। यही कारण है कि 8फ्.फ् प्रतिशत प?िलक को नहीं लगा कि सड़कों से आवारा पशु हटाए जा सकते हैं।

क्या गंगा में गंदगी को जाने से रोका जा सकता है?

शहर की सारी गंदगी गंगा में पिछले कई साल से जा रही है। आलम यह है कि कहीं-कहीं तो गंगा का पानी नीले से काला हो गया है। यहीं कारण रहा होगा कि 88.9 प्रतिशत जनता को नहीं लगा कि गंगा में गंदगी को जाने से रोका जा सकेगा।

क्या पटना की हरियाली क्भ् से क्7 प्रतिशत तक पहुंचाई जा सकती है?

क्.शहर में हरियाली के लिए डिवाइडर पर भी पेड़ लगाए गए थे। लेकिन आज कहीं इनका नामों निशां ही नहीं है। तभी शायद 77.8 प्रतिशत जनता ने कहा कि पटना में कभी भी हरियाली क्भ् से क्7 फीसदी नहीं पहुंच सकती।