1.हटाए गए एसपी साहब

घटना - जमुई में बैकुण्ठ बर्णवाल की किडनैपिंग होती है। एक आरोपी मुन्ना सिंह भी था, जिसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने रिमांड पर लिया और जमकर पीटा। उसकी हालत बिगड़ी, पीएमसीएच रेफर हुआ, जहां मंडे की रात उसकी मौत हो गई। थानाध्यक्ष जमुई जितेन्द्र कुमार और गिद्धौर सत्यब्रत भारती सहित एक अन्य कांस्टेबल पर पीटने का आरोप।

कार्रवाई - एसपी जमुई दीपक बर्णवाल को हटा दिया गया। उनकी जगह आईपीएस जितेंद्र राणा को जमुई का एसपी बनाया गया है। उन्हें पुलिस हेडक्वार्टर में वेटिंग फॉर पोस्टिंग रखा गया है। पहले ही दोनों थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया गया है और गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है। मंगलवार को मुन्ना का पोस्टमार्टम किया गया। उसके पिता कुशेश्वर सिंह ने सभी आरोपितों पर हत्या का मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की। बेटे की मौत के बाद बेबस कुशेश्वर सिंह ने कहा कि उनका तो सबकुछ छीन गया, अब क्या कर सकते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने मृतक के फैमिली को पांच लाख रुपए देने की घोषाणा की गई है, साथ ही एसपी के बॉडीगार्ड जो घटना में शामिल रहा है, उसे भी अरेस्ट करने का आदेश दिया गया है।

2.डीजीपी वर्सेज डीआईजी

घटना - निलंबित डीआईजी आलोक कुमार ने छपरा के भगवान बाजार के एससी एसटी थाने में एफआईआर करवाई। उन्होंने डीजीपी अभयानंद, आईजी ऑपरेशन अमित कुमार और आईजी ईओयू प्रवीण वशिष्ठ पर एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है। हालांकि बाद में मामला पलट गया और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप उनपर ही लगाकर भगवान बाजार थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में जिस तरह पुलिस ऑफिसर्स की छिछालेदर हुई, वह शर्मसार करने वाली है।

कार्रवाई- आलोक कुमार ने जो एफआईआर दर्ज करवाई थी, वह मान्य नहीं हुई। उस पर थानाध्यक्ष का सिग्नेचर नहीं था। एसपी छपरा सुजीत कुमार ने इस मामले में एससी एसटी थानाध्यक्ष विनोद राम और एएसआई राजनारायण सिंह को सस्पेंड कर दिया है, जबकि जबरन एफआईआर करवाने को लेकर एएसआई चंद्रमौली प्रसाद ने एफआईआर दर्ज करवाई और अपना बयान भी रिकॉर्ड करवाया।

3.17 लाख छीन कर भागे

घटना - शहर का सबसे पॉश इलाका। कोतवाली थाने से महज कुछ ही दूरी पर पर बंदर बगीचा के पास बाइक सवार दो अपराधियों ने मेडिसिन कंपनी के स्टाफ सुबोध कुमार से बैग छीन लिया। बैग में 17 लाख रुपए थे, जिसे वह एसबीआई मेन ब्रांच गांधी मैदान में जमा करने जा रहा था। पुलिस ने बताया कि रुपए मारुति मेडिकल केयर मेडिसिन कंपनी के थे। इसका आफिस बंदर बगीचा में है।

कार्रवाई - इस वारदात के सामने आने के बाद पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठ रहा है। पुलिस ने इस घटना के सामने आने के बाद से ही कई जगहों पर छापेमारी की, मगर देर रात तक कुछ खास सुराग नहीं मिल पाया। थानाध्यक्ष ने बताया कि क्रिमिनल्स को पकडऩे की कार्रवाई चल रही है।

4.पुलिस पर उठाया सवाल

घटना - पीरबहोर थाना के बाकरगंज एरिया से पांच लड़के लापता हैं। पिछले दो दिनों से उनकी कोई खबर नहीं। उनके घरवालों ने आरोप लगाया है कि एसटीएफ के लोग उसे उठाकर ले गये हैं। लापता लड़कों में मो। शाहजहां उर्फ राजा, मो। आकिफ, मो। राशिद, मो। सद्दाम और तहरीम उर्फ सिम्मी शामिल है। इसके विरोध में बाकरगंज के लोग मंगलवार को सड़क पर उतर गए। लोगों ने आगजनी की और सड़क जाम किया। एक घंटे तक ट्रैफिक को ठप रखा।

कार्रवाई - फिलहाल कुछ नहीं, सिर्फ आश्वासन देकर लोगों हटाया गया। इस संबंध में पीरबहोर थानाध्यक्ष एस ए हाशमी ने बताया कि उनका आरोप जो भी हो, पीरबहोर थाने की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

5.पुलिस की लापरवाही हो रही उजागर

बच्चा बाबा हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही साफ-साफ दिखाई दे रही है। कारण 29 जून को सुबह करीब 11 बजे ब'चा बाबा की बॉडी से खून रिसने व बेड पर पड़े होने की बात कही जा रही है। चौक थाना के एसएचओ पुष्कर कुमार आते हैं और इसके पूर्व ही लोग इलाज के लिए उन्हें बहादुरपुर स्थित नर्सिंग होम ले जाते हैं, जहां डॉक्टर मृत घोषित कर देते हैं। पत्रकारनगर थाना को बुलाकर पंचनामा बनाकर डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वह भी तब, जब ब'चा बाबा के दामाद ने हत्या किए जाने की आशंका जताई थी।

उस कमरे की जांच क्यों नहीं हुई

जब ब'चा बाबा की हत्या की आशंका जतायी गई थी, तो डेडबॉडी को पोस्टमार्टम कराने का डिसीजन कर लिया गया। पुलिस ने ब'चा बाबा के कमरे की जांच उस दिन क्यों नहीं की? तब कहा गया था कि संभवत: उनका ब्रेन हेमरेज हुआ होगा। यदि पुलिस उसी दिन रूम की जांच कर लेती और पिलेट मिल जाता, तो हत्या की बात साबित हो जाती और रवि को पकड़ा जा सकता था।

29 की तारीख में एफआईआर कैसे?

यदि पुलिस 29 जून को ही एक्टिव होकर कमरे की जांच करती, तो रवि को पकड़ा जा सकता था। सवाल है कि चौक थाना की पुलिस ने आखिर कांड 84/13 को 29 जून की तारीख में कैसे दर्ज कर लिया। इससे पुलिस की लापरवाही उजागर होती है।

जाने से किया थ इनकार

उधर, चौक थाना एरिया के मुरारका कॉलेज कैंपस में रहने वाले विद्यापति द्विवेदी उर्फ ब'चा बाबा की डेडबॉडी अंतिम संस्कार बनारस में हो गया। ब'चा बाबा के स्टाफ हनुमान झा ने चौक थाना में एफआईआर कराते हुए कहा कि वह और रूबन मेडिकल हॉल का रवि कुमार साथ में थे। ब'चा जी ने एचडीएफसी का एक लाख का चेक देकर कहा कि दोनों जाकर रुपया ले आओ, पर रवि ने दुकान में आदमी के आने की बात कह जाने से इनकार कर दिया। फिर भी हनुमान व रवि साथ में रोड तक आए हनुमान को बैंक से खाता में रुपया नहीं होने के कारण पेमेंट नहीं मिला। इस बीच उसे सेल पर बाबा के बेड पर गिरे होने व ब्लड बहने की बात कही गयी।

घटना के बाद से फरार है रवि

ब'चा बाबा का रेंटर है रवि कुमार। वह रूबन मेडिकल हॉल दुकान चलाता है। उसने बैंक से लोन ले रखा था। नहीं चुकता करने के कारण उसके घर की नीलामी हो चुकी है। फिलहाल घटना के बाद से वह फरार है। बाबा की हत्या के बाद वह न तो वह मिलने आया और न ही कोई कॉल किया है। चौक थाना की पुलिस उसके गुरहट्टा स्थित घर पर रेड करने गयी, तो वह नहीं था।