-कई इलाकों में खड़ी हुई लो वोल्टेज की समस्या
-शाम होते ही रेंगने लगते हैं पंखा व कूलर
-पानी भी मिलना हो जाता है मुश्किल
<-कई इलाकों में खड़ी हुई लो वोल्टेज की समस्या
-शाम होते ही रेंगने लगते हैं पंखा व कूलर
-पानी भी मिलना हो जाता है मुश्किल
allahabad@inext.co.in
ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in
ALLAHABAD: गावों में तो फिर भी थोड़ा सुकून है कि खुला एरिया है। जरा सा भी हवा चले, महसूस हो जाता है। पानी के लिए हैंडपम्प तो हैं ही। बुरा हाल शहरों का है। ज्यादातर लोग सप्लाई के पानी पर डिपेंड हैं। और यह तब मिलेगा जब बिजली रहेगी। बिजली नहीं तो पानी नहीं। बिजली नहीं तो हवा नहीं। धूप की तेज किरणों से तपा आसपास का कांक्रीट का जंगल लो वोल्टेज होने पर भी सुकून का एक पल महसूस नहीं होने देता। गर्मी का बढ़ता असर और मानसून आने में देरी का खामियाजा भुगत रहे हैं शहरी। न दिन में चैन है और न रात में सुकून।
<गावों में तो फिर भी थोड़ा सुकून है कि खुला एरिया है। जरा सा भी हवा चले, महसूस हो जाता है। पानी के लिए हैंडपम्प तो हैं ही। बुरा हाल शहरों का है। ज्यादातर लोग सप्लाई के पानी पर डिपेंड हैं। और यह तब मिलेगा जब बिजली रहेगी। बिजली नहीं तो पानी नहीं। बिजली नहीं तो हवा नहीं। धूप की तेज किरणों से तपा आसपास का कांक्रीट का जंगल लो वोल्टेज होने पर भी सुकून का एक पल महसूस नहीं होने देता। गर्मी का बढ़ता असर और मानसून आने में देरी का खामियाजा भुगत रहे हैं शहरी। न दिन में चैन है और न रात में सुकून।
लगातार बढ़ रही किल्लत
गर्मी अपने प्रचंड रूप में है। इससे बिजली की डिमांड बढ़ गई है। एसी-कूलर और पंखों से लोड इतना बढ़ गया है कि कभी ट्रांसफारमर दगा दे जाते हैं तो कभी जर्जर हो चुके वायर। कॉमनमैन के इलाके की तो बात ही छोडि़ए, पाश एरिया की हालत भी बेहद खराब है। आजकल सुबह बिजली कटने का ट्रेंड शुरू हो गया है। इसका असर यह है कि सुबह पानी के लिए संघर्ष होता है। एक बाल्टी पानी का जुगाड़ करना मुश्किल हो जाता है। आई नेक्स्ट ने पब्लिक की इसी समस्या को जानने के लिए सिटी के चार मोहल्लों का दौरा किया। पब्लिक से मिलकर जाना, क्या हाल है बिजली आपूर्ति का और कैसे जूझते हैं वे इस समस्या से।
कटौती व लोड की समस्या
जार्जटाउन पहुंची टीम को घर के बाहर महिलाएं सब्जी काटती हुई मिल गई। बच्चे अखबार को पंखा बनाकर महिलाओं को हवा देने की कोशिश कर रहे थे। पूछने पर महिलाओं ने बताया कि भइया आज कल तो कटौती का कोई फिक्स टाइम ही नहीं है। जब मन में आता है चली जाती है और जब मन होता है आ जाती है। लो वोल्टेज से इनवर्टर भी चार्ज नहीं हो पाते और कुछ ही घंटे में बोल जाते हैं। बिजली के बिना तो घर के भीतर एक मिनट भी बैठना मुश्किल है। लाउदर रोड, लिडिल रोड, चिंतामणि रोड, ए एन झा मार्ग व मालवीय रोड पर रहने वालों ने भी ऐसी ही समस्या गिनाई। कहा, देखने को तो बिजली रहती है लेकिन, इसका कोई फायदा नहीं होता। जिस करवट लेटो कुछ देर बाद वही भीगा नजर आने लगता है। अचानक बिजली कब कट जाएगी पता नहीं होता। कई बार तो रात घर की छतों या रोड पर टहलते हुए बितानी पड़ती है।
एसी कूलर ने बढ़ाया लोड
इस संबंध में बिजली विभाग के अफसरों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उपकेन्द्रों पर बोझ बढ़ गया है। हीट से उसके जल जाने का खतरा है। उपकेन्द्र बचाने के लिए भी कई बार कटौती करनी पड़ जाती है। लोड के चलते ही लो वोल्टेज की समस्या है। ज्यों बिजली आन होती है लोग कूलर, पंखा, एसी सब ऑन कर देते हैं। ये सभी इंस्ट्रूमेंट स्टार्टिग में ज्यादा बिजली कंज्यूम करते हैं। इससे ट्रांसफारमर को खतरा हो जाता है। इस चक्कर में कई बार ट्रांसफारमर फुंक भी जाते हैं। पब्लिक पूरे लोड की जानकारी भी नहीं देती, यह भी एक बड़ा कारण है लो वोल्टेज होने या ट्रांसफारमर फुंकने का।
इन इलाकों में समस्या
करैली
खुल्दाबाद
चौक
कल्याणी देवी
मुठ्ठीगंज
तेलियरगंज
सिविल लाइंस
म्योहाल
अशोक नगर
लूकरंगज
तुलारामबाग
बैहराना
अल्लापुर
दारागंज
ट्रांसपोर्ट नगर
बढ़ रहा डिमांड-सप्लाई में अंतर
आपूर्ति-क्70 मिलियन युनिट
डिमांड-क्90 मिलियन युनिट
परडे सप्लाई-म्.भ् से 7 मिलियन युनिट
बिजली आपूर्ति का शेड्यूल (आपूर्ति घंटो में)
ख्0 मई ख्ख् मई ख्भ् मई ख्8 मई
मंडल ख्फ्.भ्क् ख्फ्.फ्ब् ख्ख्.ख्8 ख्0.फ्म्
जनपद ख्क्.00 ख्क्.ब्8 क्8.ख्ख् क्भ्.भ्म्
ग्रामीण क्ब्.भ्भ् क्ब्.फ्9 क्0.ब्0 क्0.फ्ख्
तहसील ख्0.फ्8 क्7.ख्फ् क्7.08 क्क्.ब्7
वर्जन
इलाके में लो वोल्टेज बड़ी समस्या है। कुछ दिनों से शाम होते ही वोल्टेज लो हो जाता है। गर्मी इस कदर है कि बिजली थोड़ी देर के लिए भी गुल होती है तो जीना मुश्किल हो जाता है।
राघवेन्द्र सिंह
बिजली की समस्या लाउदर रोड पर अधिक है। आए दिन बिजली कटौती के चलते स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ज्ञानेश्वर सिंह
जार्ज टाउन एरिया के पार्षद ने इस समस्या को लेकर कई बार आवाज भी उठाई। लेकिन, स्थायी समाधान नहीं मिला। नतीजा पसीना पोंछते हुए रात बितानी पड़ रही है।
सुनील तिवारी
कुछ दिनों पहले तक अच्छी आपूर्ति थी। इधर कटौती बढ़ गई है। हम समय से बिल जमा करते है। लेट हो जाएं तो फाइन लग जाता है, आपूर्ति ठप होने पर मुआवजा क्यों नहीं देते।
निर्मला सिह
बिजली रात में तो अक्सर गुल हो जाती है। तार इतने पुराने हो चुके हैं कि जब देखो टूट जाते हैं। एक बार तार टूट गया तो फिर करते रहो रात भर इंतजार। सुबह पानी के लाले पड़ जाते हैं।
आशा यादव
बिजली सुधार को लेकर कोई कुछ भी नहीं कर रहा है। विभाग के लोग सिर्फ दावे करते हैं। हम झेलते हैं, कैसे बताएं कि क्या-क्या, कैसे-कैसे मैनेज करते हैं।
माया यादव
टैगोर टाउन में अक्सर रोस्टिंग के नाम पर कटौती होती है। विभाग बिजली का बिल तो समय पर जमा करवा लेता है लेकिन जब आपूर्ति की बात आती है तो किसी के पास जवाब नहीं होता।
शिवांगा सिंह
बिजली कटने पर बड़ी प्राब्लम पानी की खड़ी हो जाती है। पहले के जमाने जैसे हैंडपम्प तो अब रहे नहीं। टंकी में पानी नहीं है तो नहाने और शौच जाने तक में समस्या खड़ी हो जाती है।
मृदुल मिश्रा
कुछ दिनों से शाम होते ही लो वोल्टेज की समस्या होने लगती है। कूलर-पंखे रोते हुए से प्रतीत होते हैं। मोटर से पानी नहीं चढ़ पाता। रात मच्छरों से लड़ते हुए बीतती है।
अभिषेक कुमार
गर्मी के साथ बिजली की समस्या शुरू हो जाती है। लोड बढ़वा लेने के लिए पब्लिक पर प्रेशर बनाते हैं लेकिन उसके अकॉर्डिग ट्रांसफारमर को चेंज नहीं करते। नतीजा पब्लिक भोगती है।
राधेश्याम केसरवानी
मुझे नहीं लगता है कि एरिया में बिजली संकट दूर होने वाला है। स्थानीय लोगों ने कई बार आवाज उठाई। लेकिन, कोई हल नहीं निकला। हालात जस के तस बने हुए है।
ए के मिश्रा
बिजली विभाग जानता है कि गर्मी में लोड बढ़ेगा और डिमांड-सप्लाई के बीच गैप भी। इसके बाद भी वे पहले से कोई तैयारी नहीं रखते।
आर सिंह परिहार
बिजली कब चली जाए, इसका कोई भरोसा नहीं। शेड्यूल कटौती का अब कोई मतलब ही नहीं रह गया है।
राहुल श्रीवास्तव
लो वोल्टेज की शिकायत कई बार अधिकारियों से लिखित शिकायत की मगर कोई सुनता ही नहीं। इलाके में ट्रांसफार्मर पुराने हो चुके है जब देखो वह फूंक जाते हैं।
उर्मिला सिंह पार्षद