रांची : रिम्स में आउटसोर्सिग पर काम करने वाले 250 स्टाफ को एजेंसी ने पेमेंट देना बंद कर दिया है. इससे उनके सामने अब भूखे मरने वाली नौबत आ गई है. किसी को एजेंसी ने डेढ़ साल से पेमेंट नहीं दिया है तो किसी को छह महीने से. ऐसे में सिस्टम से तंग आकर स्टाफ ने शुक्रवार को डायरेक्टर ऑफिस का घेराव किया. साथ ही स्टाफ के प्रतिनिधिमंडल ने डायरेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा.

डायरेक्टर को सौंपे गये ज्ञापन में स्टाफ ने उनसे पेमेंट करवाने की मांग की है. साथ ही पीएफ का भुगतान कराने को लेकर भी एजेंसी को दिशा-निर्देश देने को कहा गया है. स्टाफ ने यह भी कहा कि अगर उन्हें जल्द पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया तो काम ठप कर देंगे. ज्ञापन में स्टाफ ने यह भी बताया है कि 2018 में सितंबर और अक्टूबर में एजेंसी ने बढ़ा हुआ पेमेंट दिया था. लेकिन दो महीने बाद एजेंसी ने मनमानी करते हुए पेमेंट कम कर दिया. अब उनके सामने स्थिति यह है कि खाने को लेकर भी समस्या खड़ी हो गई है.

वर्जन

एजेंसी में ज्वाइन करने के बाद कुछ दिन पेमेंट मिला था. लेकिन डेढ़ साल से हमलोग काम कर रहे हैं. इसके बाद भी एजेंसी पेमेंट नहीं दे रही है. अब तो सुपरवाइजर भी देखने नहीं आता कि हम किस हाल में हैं.

पवन कुमार, आउटसोर्सिग कर्मी

छह महीने से पेमेंट नहीं दिया गया है. इसलिए हम लोगों के सामने खाने के भी लाले पड़ गए हैं. डायरेक्टर साहब अगर पेमेंट करा दें तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता. आखिर हम लोग भी तो रिम्स के स्टाफ हैं.

कलारा लकड़ा, आउटसोर्सिग कर्मी