आशा वर्करों के लिए खरीदी गई साडि़यों में अनियमितताओं की हुई थी शिकायत

-2014 में 11 हजार 600 आशाओं के लिए खरीदी गई थी साडि़यां

DEHRADUN: आशा वर्करों के लिए खरीदी गई साडि़यों में अनियमितताओं की शिकायत को स्वास्थ्य विभाग ने रफा-दफा कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री की जांच के आदेश का कहीं पता नहीं है, लेकिन जिस फर्म को आरोपित किया गया था, उसे 78 लाख का पेमेंट जरूर कर दिया गया है। अफसरों ने इस मामले में जिस तरह से अपनी मनमानी चलाई है, वो समझने के लिए काफी है, कि किस तरह से स्वास्थ्य विभाग में घपले-घोटालों का खेल चल रहा है।

कुछ इस तरह का था साड़ी घोटाला

प्रदेश में कार्यरत आशा वर्करों के लिए ड्रेस कोड लागू करते हुए ख्0क्ब् में साडि़यों की खरीद की गई थी। उस वक्त आशा वर्करों ने ही ये शिकायत उठाई थी कि उन्हें दी गई साडि़यों की क्वालिटी बेहद खराब है। क्क् हजार म्00 वर्करों के लिए साडि़यों की खरीद की गई थी। प्रत्येक साड़ी भ्ब्0 रुपये में खरीदी गई, जबकि आशा वर्करों का आरोप था कि इनकी वास्तविक कीमत दो-ढाई सौ रुपये से ज्यादा नहीं है। इसकी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की गई थी।

शिकायत के बाद रूका हुआ था पेमेंट

-आशा वर्करों की शिकायत पर स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने पूरे मामले की जांच बैठाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन यह जांच हुई या नहीं, कुछ पता नहीं चला। शिकायत के बाद सहारनपुर की फर्म का पेमेंट लंबे समय तक रूका रहा, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले 78 लाख का पेमेंट कर दिया गया है।

मेरी जानकारी में पेमेंट का मामला अभी नहीं आया है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि पूरी जांच के बाद ही ऐसा किया गया होगा। फिर भी इस मामले को दिखवाया जाएगा।

-सुरेंद्र सिंह नेगी, स्वास्थ्य मंत्री।

-जिन भी आशा वर्करों को साडि़यां दी गई, वे घटिया निकली हैं। हमने पूर्व में सरकार को शिकायत की थी। इसके बाद, साडि़यों की जगह सीधे पैसे देने का निर्णय हुआ है। हालांकि घटिया साडि़यों के मामले की ढंग से जांच होनी चाहिए।

-शिवा दुबे, प्रदेश अध्यक्ष, आशा वर्कर यूनियन।