- एचएमआईएस का नया डाटा, दून में सेक्स रेशियो 935 हुआ

- दून में सेक्स रेशियो में आया सुधार, जिले में कुल सात केस हुए दर्ज

DEHRADUN: देहरादून के लिए अच्छी खबर है। हेल्थ मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सॉफ्टवेयर (एचएमआईएसस) के नये आंकड़ों के अनुसार जिले में एक साल के दौरान पैदा हुए बच्चों का सेक्स रेशियो 935 हो गया है। इसकी वजह पिछले तीन सालों में पीसी पीएनडीटी एक्ट में की गई कड़ाई मानी जा रही है। पिछले तीन सालों में न सिर्फ पहले के मुकाबले ज्यादा अल्ट्रासाउंड मशीनें सील की गई हैं, बल्कि कोर्ट केसों की संख्या भी बढ़ी है।

1966 में लागू हुआ था पीसी पीएनडीटी एक्ट

पीसी पीएनडीटी एक्ट 1996 में लागू हुआ था। 2006 तक दून में इस एक्ट के तहत मात्र चार कोर्ट केस हुए, इनमें भी किसी मामले में सजा नहीं हुई। इनमें से दो मुकदमे अब भी चल रहे हैं, जबकि एक में मात्र 700 रुपये जुर्माना लगाया गया। इस दौरान जिले में पैदा होने वाले बच्चों का सेक्स रेशियो लगातार गिरता गया। 2016 के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस एक्ट को लेकर सख्ती की और तीन साल में तीन नये केस दर्ज किये गये।

अब तक सात केस हुए दर्ज

अब तक पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत जिले में कुल सात केस दर्ज हुए। एक केस में आरोपी को कोर्ट ने बरी किया गया। एक अन्य में 700 रुपये जुर्माना लगा। पांच केस अब भी चल रहे हैं। इनमें एक केस डॉ। मधु खंडूड़ी और दूसरा डॉ। चित्रा अग्रवाल के खिलाफ है। खास बात यह है कि ये अल्ट्रासाउंड सेंटर अब अस्तित्व में भी नहीं हैं।

तीन साल में तीन नये केस

2016 के बाद एक्ट को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता बढ़ी। 2016 में ऋषिकेश के डॉ। सीएल कोहली के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ तो 2017 में रिस्पना स्थित लाइफ लाइन अस्पताल की डॉ। नीलम गोयल के खिलाफ। इस साल डॉ। प्रमोद त्यागी के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इस सेंटर में हरियाणा की टीम के साथ छापा मारा गया था।

तीन साल में 21 मशीनें सील

स्वास्थ्य विभाग ने इन तीन सालों में अल्ट्रासाउंड मशीनें सील करने का काम भी तेज किया। 2016 में 9 मशीनें सील की गई तो 2017 में सील की गई मशीनों की संख्या 15 थी। इस बार अब तक 3 मशीनें सील की गई हैं।

दून में सेक्स रेशियो 955

हालांकि सेक्स रेशियो को लेकर अलग-अगल एजेंसियां अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत करती रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग एचएमआईएस के आंकड़ों को प्रमाणित मानता है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार ये आंकड़े आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कवर किये गये जच्चा-बच्चा के आधार पर एकत्र किये जाते हैं। इस एजेंसी के अनुसार दून में पिछले एक साल में पैदा होने वाले बच्चों का सेक्स रेशियो 935 है। यदि 6 साल तक के बच्चों की बात करें तो सेक्स रेशियो 920 आंका गया है।

डीएम की अगुआई में पीसी पीएनडीटी जिला सलाहकार समिति पूरी सक्रियता के साथ काम कर रही है। इस संबंध में शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। समय-समय पर रूटीन जांच भी होती हैं। कमी मिलने पर पहले नोटिस दिये जाते हैं और फिर मशीन सील करने की कार्रवाई होती है।

- डॉ। एसके गुप्ता, सीएमओ, देहरादून।