- बवाल में बंदियों ने तोड़ दिया था पीसीओ

- एक पखवारे बाद ही शुरू हो सकेगी बातचीत

GORAKHPUR: मंडलीय कारागार के भीतर पीसीओ बूथ में लगे फोन की घंटियां नहीं सुनाई पड़ रही हैं। इस पीसीओ बूथ को बंदियों के बवाल में आक्रोश का शिकार होना पड़ा था। जेल के भीतर हुई तोड़फोड़ में टेलीफोन बूथ क्षतिग्रस्त हो गए थे। करीब पांच माह बाद भी जेल प्रशासन बूथ को दोबारा संचालित नहीं करा सका है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा ने बताया कि बीएसएनएल के अधिकारियों से बात हो चुकी है। करीब 15 दिन के भीतर फोन की घंटी बजने लगेगी।

तोड़फोड़ में टूट गया था

मंडलीय कारागार में बीमार कैदी की मौत के बाद बंदियों ने जमकर बवाल काटा था। 13 अक्टूबर 2016 को हुई घटना में बंदियों ने खूब उत्पात मचाया। तोड़फोड़ करते हुए जेल में आगजनी की। हालात को काबू करने में पुलिस-प्रशासन के पसीने छूट गए। इस दौरान बंदियों ने जेल में लगे पीसीओ को अपने आक्रोश का शिकार बनाया। करीब चार लाख रुपए की कीमत से लगे दो पीसीओ को तोड़फोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया। बंदियों का हंगामा थमने के बाद जेल प्रशासन ने व्यवस्था दुरुस्त कराई। लेकिन नया पीसीओ लगाने का काम नहीं हो सका। इसलिए पांच माह से जेल में पीसीओ की घंटी नहीं बज पा रही है।

तीन नंबरों पर कर सकते हैं बातचीत

जेल में लगे पीसीओ से बंदी अपने परिजनों से बात करते हैं। खून के रिश्ते वाले परिवार के सदस्य से बंदी को बातचीत की सुविधा दी जाती है। इसके लिए कम से कम तीन फोन नंबर्स को रजिस्टर्ड कराना होता है। बातचीत वाले नंबर रजिस्टर्ड कराने के बाद जेल प्रशासन की ओर से उसका वेरीफिकेशन कराया जाता है। फिर बंदियों को पीसीओ से कॉल की सुविधा दी जाती है। पहले से रजिस्टर्ड नंबर्स पर होने वाली बातचीत का रिकार्ड मौजूद रहता है। जेल प्रशासन उस रिकार्ड को कभी भी चेक कर सकता है।

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जल्द रिहा हो जाएंगे चौथी

जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 105 साल के बंदी चौथी यादव की रिहाई जल्द हो जाएगी। विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद शासन ने चौथी की रिहाई का ऑर्डर जारी कर दिया है। जेल प्रशासन का कहना है कि कानूनी औपचारिकता पूरी होते ही चौथी को रिहा कर दिया जाएगा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि चौथी को रिहा करने के संबंध में आदेश मिल चुका है। उनको जेल से छोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

वर्जन

नया पीसीओ लगाने के लिए बीएसएनएल के अधिकारियों से बात हो चुकी है। एक पखवारे के भीतर पीसीओ लगाने का काम शुरू हो जाएगा। चार लाख की लागत से दो नए पीसीओ बूथ लगाए जाएंगे।

- एसके शर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक