- सहारनपुर के पुंडेन गांव से शराब लाकर बेचने वाले बाप-बेटे को पुलिस ने किया गिरफ्तार

- पुलिस ने बाप-बेटे से बरामद शराब को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा

ROORKEE: जिस जहरीली शराब को पीने से अभी तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है, वह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के पुंडेन गांव से लाई गई थी। उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के सीमावर्ती गांव बाल्लूपुर का एक शख्स इसे खरीदकर लाया था। उसने और उसके पिता ने मिलकर जहरीली शराब बेची। पुलिस ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार करने के साथ ही दावा किया कि जहरीली शराब के मुख्य विक्रेता यही थे। मुख्य सप्लायर अभी फरार है। उस समेत चार आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

पुलिस ने तस्कर बाप-बेटे को किया गिरफ्तार

संडे को हरिद्वार के एसएसपी जन्मेंजय प्रभाकर खंडूरी और सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी ने रुड़की कोतवाली में साझा प्रेस कान्फ्रेंस कर शराब प्रकरण में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में बाल्लूपुर निवासी फकीरा और उसके बेटे सोनू को गिरफ्तार किया गया है। फकीरा ही बाल्लूपुर में शराब लाकर बेचता था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार फकीरा ने ही अपने बेटे सोनू के जरिये सहारनपुर जिले के गागलहेड़ी थाना क्षेत्र के पुंडेन गांव निवासी सरदार हरदेव और उसके पिता सुखविंदर उर्फ सुक्का से कच्ची शराब मंगवाई थी। सोनू पांच फरवरी को पुंडेन गांव से सरदार हरदेव और उसके पिता सुख¨वदर से 35 बड़े पाउच (दो-दो लीटर की पॉलीथिन) कच्ची शराब लेकर आया था। गांव आकर उसने इसे खाली बोतलों में भर दिया। पुलिस के अनुसार सोनू ने बताया कि उस दिन शराब का रंग दूधिया था और उसमें डीजल जैसी गंध आ रही थी। इस पर उसने सरदार हरदेव को फोन किया और उसे यह बात बताई। हरदेव का कहना था कि शराब का रंग काला हो गया था, इसलिए उसने इसमें दूध मिला दिया था। किसी बर्तन में डीजल होने के कारण उसकी गंध आ गई होगी। पुलिस ने अनुसार सोनू ने बताया कि इस शराब में से उसने 20 बोतल गांव के ही निवासी गजराज पुत्र रूपचंद (शराब पीने से बीमार हो गया था सहारनपुर के एक अस्पताल में भर्ती था, अब फरार है) को बेची। दो बोतलों के आठ पाउच बनाकर उसने अन्य ग्रामीणों को बेचे। इनमें से चार पाउच धीर सिंह उर्फ धीरा पुत्र चरण (धीर सिंह की शराब पीने से मृत्यु हो चुकी है)को बेचे। उसने एक पाउच उसी समय पी लिया लेकिन, शराब में अजीब सी बदबू आने के चलते उसने तीन पाउच वापस कर दिये। छह फरवरी को वह फिर से पुंडेन गांव से 20 बड़े पाउच (दो-दो लीटर) लेकर आया। इसमें से उसने छह बोतलें भलस्वागाज गांव निवासी चंद्रभान (शराब पीने से मृत्यु हो चुकी है) को और 20 अन्य बोतलें बिंडू गांव निवासी बिट्टू (शराब पीने से मृत्यु हो चुकी है.) को बेच दी। सात फरवरी की सुबह वह फिर सरदार हरदेव से दो-दो लीटर वाले 10 पाउच शराब लेकर लाया। सोनू ने बताया कि सरदार हरदेव से वह 70 रुपये पाउच खरीदता था और 90 रुपये में बेचता था। जिन्हें वह 90 रुपये में पाउच बेचता था। वह उसके 250 मिलीलीटर के पाउच बनाकर 25 से 30 रुपये के बेचते थे। जब उसे पता चला कि उसकी दी हुई शराब से लोग मर रहे हैं, तो वह डर गया और अपने पिता के साथ फरार हो गया। एसएसपी खंडूरी ने बताया कि सोनू और उसके पिता की निशानदेही पर शीतलपेय की बोतलों में भरी कुछ शराब बरामद की गई है। कुछ खाली पाउच भी बरामद हुए हैं। सोनू के गन्ने के खेत से शराब से भरी एक जरीकेन बरामद हुई है। बरामद शराब को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जा रहा है। पिता-पुत्र को शराब की आपूर्ति करने वाले मुख्य आरोपित सरदार हरदेव, उसके पिता सुख¨वदर, धारा पुत्र बुद्धू निवासी ¨बडू एवं गजराज की तलाश में दोनों राज्यों की पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।