- सरकार ने पेंशन फॉर्म में किया बदलाव

- अब पेंशनर्स को फॉर्म में अपना नाम पता और बैंक अकाउंट करना होगा दर्ज

- फॉर्म संख्या पांच में किया गया बदलाव

- ट्रेजरी के 32 हजार पेंशनरों को मिलेगा बदलाव का लाभ

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AGRA। सरकारी नौकरी से रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों को अब पेंशन पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब पेंशन तुरंत बनेगी। इसके लिए पेंशन के फॉर्म में बदलाव किया गया है। पेंशन प्रपत्रों में बदलाव करते हुए उसका सरलीकरण कर दिया गया है। इसमें खास बदलाव फॉर्म संख्या पांच में किया गया है। अब पेंशनर्स को पेंशन फॉर्म को सेल्फ अटैस्ट कर, उसमें नाम, पता और बैंक अकाउंट भरना होगा। अगर आपका ईमेल है, तो उसके साथ मोबाइल नम्बर भी अंकित करना होगा।

नहीं काटने होंगे चक्कर

पहले आमतौर पर किसी भी सरकारी विभाग से रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों को पेंशन के लिए बाबूओं के पटल के चक्कर लगाने पड़ते थे। पेंशन के प्रपत्रों को तीन चरणों में भरकर अपने उच्चधिकारी से अटैस्ट कराना पड़ता था। इन प्रपत्रों को भरने में कई बार गलती होने के कारण प्रक्रिया पूरी होने में विभागीय बाबू महीनों गुजार देते थे, लेकिन अब फॉर्म में बदलाव होने से कर्मचारियों को इससे छुटकारा मिलेगा।

एक अप्रैल 2014 से मिलेगी सुविधा

जनपद में पेंशनर्स के हर वर्ष होने वाले जीवित सत्यापन के लिए शासन द्वारा एक अप्रैल 2014 से थम्ब इंप्रेशन सॉफ्टवेयर शुरू होने जा रहा है। इसके शुरू होने से पेंशनर्स के जीवित होने का प्रमाण थम्ब इंप्रेशन से होगा। इससे पेंशनर्स को बाबूओं की कारगुजारी से निजात मिलेगी। अभी तक रिटायर्ड कर्मचारियों को जीवित प्रमाण पत्र भरना होता है, उसके बाद उसको अपने विभाग के सक्षम अधिकारी से प्रमाणित करना पड़ता है, उसके बाद ही उसको पेंशन जारी की जाती है। अपने आप को जीवित दिखाने के लिए पेंशनर्स को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है।

कोषागार में शुरू हुई ये सुविधाएं

कोषागार में शासन द्वारा कई सुविधाएं शुरू की जा चुकी हैं। इनमें ई-पेमेंट शासन द्वारा कोषागार से ई-पेमेंट की सुविधा 01-04- 2013 से शुरू की गई है। ई- रिसीट इस व्यवस्था के अनुसार मैनुअल चालान के आधार पर राजकीय प्राप्तियों को स्वीकार किया जाता है। अब इसके स्थान पर एसबीआई ने ऑनलाइन ऑफलाइन कैश चेक बैंक ड्राफ्ट प्रतियों को स्वीकार करने का कार्य 13 जनवरी 2014 से शुरू किया जा चुका है। इस प्रकार प्राप्त सभी धनराशियों का लेखाजोखा रखे जाने का कार्य लखनऊ कलक्ट्रेट कोषागार को सौंपा गया है। इसके अलावा सेंन्ट्रल सर्वर की सेवा का 15 जनवरी 2014 को ट्रायल किया जा चुका है। इसके अलावा ई-पेंशन की व्यवस्था पहले से ही शुरू की जा चुकी है।

32 हजार पेंशनर्स को मिलेगा फायदा

आगरा ट्रेजरी से 32 हजार रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन मुहैया कराई जाती है। इसमें शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, पर्यटन विभाग, जिला पंचायत विभाग, समेत स्टेट के सभी विभागों के अलावा तकरीबन 3500 हजार आर्मी पर्सनों को भी पेंशन मुहैया कराता है।

हर महीने 44 करोड़ से भी ज्यादा का बजट

शासन द्वारा हर महीने केवल पेंशन के लिए ट्रेजरी को 44 करोड़ से भी ज्यादा का बजट मुहैया कराया जाता है। इसमें राज्य कर्मचारियों के लिए 41 करोड़ 41 लाख से भी ज्यादा और आर्मी के लिए एक करोड़ 48 लाख 91 हजार व गैर राज्य के कर्मचारियों के लिए दो करोड़ रुपये का बजट मुहैया कराया जाता है। वहीं प्रोबेशन अधिकारी अजयपाल सिंह के अनुसार प्रोबेशन विभाग में 24740 विधवा पेंशनर्स के लिए छह महीने में शासन द्वारा 4 करोड़ 45 लाख 32 हजार रुपये का बजट मुहैया कराया जाता है।

27 फरवरी तक दें आयकर आय विवरण

सीटीओ डॉ। अमर सिंह ने बताया कि जो पेंशनर्स इनकम टैक्स की श्रेणी में आते हैं, वे 27 फरवरी तक अपने आयकर विवरण पत्र 27 फरवरी तक कोषागार में जमा करा दें।

'थम्ब इंप्रेशन का सॉफ्टवेयर एक अप्रैल ख्0क्ब् तक लागू हो जाएगा। प्रायोगिक तौर पर इसको बाराबंकी में शुरू किया गया है। इसके शुरू होने पर हम सभी विभागों को यूजर नेम और पासवर्ड मुहैया करा देंगे.'

डॉ। अमर सिंह, मुख्य कोषाधिकारी आगरा