धड़ल्ले से अवैध रूप से वॉटर 'कैन' में पानी भरकर बेचा जा रहा
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KANPUR : शहर में धड़ल्ले से आरओ वाटर के नाम पर पानी बेचा जा रहा है। दुकानों, ऑफिसेस और घरों में धड़ल्ले से इस पानी को पी रहे हैं। लेकिन शायद आपको यह नहीं मालूम कि आरओ वाटर के नाम पर नल का पानी ही ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। इसकी शुद्धता की भी कोई गारंटी नहीं है। कैन में पानी बेचने वालों में 90 परसेंट लोगों के पास कोई आरओ प्लांट नहीं है और न ही पानी की कोई जांच की जाती है। एक आंकड़े के मुताबिक शहर में यह कारोबार रोजाना 50 लाख रुपए तक पहुंच गया है। इसके साथ ही 18,000 से ज्यादा लोग वाटर कैन का यूज करते हैं। यही नहीं सप्लाई किए जा रहे पानी में टीडीएस की मात्रा कितनी है यह भी चेक नहीं किया जाता है। कानपुर कॉलिंग रीडर्स की दर्जनों शिकायतों के बाद दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो मालूम चला कि शहर में बड़ा रैकेट आरओ के वाटर के नाम पर चल रहा है

सिर्फ 5 प्लांट ही रजिस्टर्ड
शहर में सिर्फ 5 आरओ प्लांट ही खाद्य सुरक्षा विभाग में रजिस्टर्ड हैं और यही लोग पैकेज्ड वाटर बेचने का अधिकार रखते हैं। शहर में पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर का यह आलम है कि आरओ प्लांट में भी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। यही नहीं प्लांट में कोई वाटर एक्सपर्ट भी नहीं होता है। हाल ही में खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी कर सैकड़ों वाटर बोतल को सीज किया था। एक वाटर कैन में 20 लीटर तक पानी आता है और यह 15 से 30 रुपए तक मार्केट में बेचा जा रहा है। प्रत्येक वाटर कैन में पानी का स्वाद भी अलग-अलग मिलेगा।

 

कैन में पानी ठंडा कर बेच रहे
शहर के बड़े बाजारों में वाटर कैन में पानी भरकर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। मार्केट खुलते ही सुबह-सुबह गाडि़यां कैन लेकर दुकानों और ऑफिसेस में कैन सप्लाई करने लगती हैं। आरओ वाटर के नाम पर यह लोग सिर्फ कैन में नलों और सप्लाई का पानी भरकर उसको ठंडा कर देते हैं। मेस्टेन रोड के पास बने हाते में कैन में सबमर्सिबल का पानी पाइपों से भरा जाता है और उसको ठंडा करने के लिए बर्फ डाली दी जाती है। नौबस्ता, किदवई नगर, बिरहाना रोड, रोशन नगर सहित दर्जनों इलाकों में अवैध रूप से यह कारोबार किया जा रहा है।

 

टीडीएस की मात्रा ज्यादा
सप्लाई किए जा रहे पानी में टीडीएस की मात्रा खतरनाक स्तर पर पाई जाती है, जो शरीर के लिए काफी खतरनाक है। पानी के प्योरिफिकेशन के दौरान कार्बनिक और अकार्बनिक तत्व शरीर की जरूरत के मुताबिक कम की दिए जाते हैं। पानी में मैग्निशियम, कैल्शियम, पोटैशियम की एक निश्चित मात्रा स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है। इसकी जांच टीडीएस (टोटल डिसॉल्वड सॉलिल्डसस) के जरिए की जाती है। वाटर कैन में सप्लाई किए जाने वाली पानी के सप्लाई में टीडीएस की मात्रा 300 पीपीएम तक होती है, जो शरीर के लिए खतरनाक है।

 

इस प्रकार है मानक

50-150 पीपीएम----सबसे अच्छा पानी

150-200पीपीएम--- अच्छा

200-300 पीपीएम-- स्वच्छ

300-500 पीपीएम-- खराब व नुकसानदायक

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शरीर के लिए मरकरी, फ्लोराइड, क्लोरीन के साथ-साथ मैग्निशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे तत्व पानी में जरूरी होते हैं। ऐसे में टीडीएस जांच जरूरी होती है। इससे पानी की शुद्धता का पता चलता है। अगर आरओ का समझकर कोई व्याक्ति दूषित पानी पीता है तो उसको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

-डा। कुनाल सहाय, फीजिशियन, मेडिकल कॉलेज।

 

रजिस्टर्ड आरओ प्लांट पर छापेमारी की जाती है और समय-समय पर जांच भी की जाती है। यह सही है कि अवैध रूप से वाटर कैन में पानी सप्लाई किया जा रहा है। इसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है।

-विजय प्रताप सिंह, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग।

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