- नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक शहर की 99.2 परसेंट आबादी को सप्लाई किया जा रहा शुद्ध पानी

- दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की पड़ताल में मालूम चला घरों में आ रहा गंदा व बदबूदार पानी, सप्लाई लाइन भी डैमेज

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KANPUR: भले ही शहर में पानी के लिए हाहाकार मचता हो, आए दिन लोगों में लड़ाई-झगड़ा और बवाल होता हो, सप्लाई के पानी में कीड़े और बदबू आती होलेकिन सरकारी रिपोर्ट में पूरे शहर को पूरी तरह शुद्ध और साफ पानी पिलाया जा रहा है। पढ़कर आप भी चौक गए होंगेलेकिन यह हकीकत है। नेशनल फैमिली हेल्थ की ओर से किए गए सर्वे की रिपोर्ट तो यही कहती है। सर्वे के आंकड़ों में शहर की 99.ख् परसेंट आबादी को शुद्ध पानी सप्लाई किया जा रहा है। आंकड़ों की इस बाजीगरी की सच्चाई के बारे में पड़ताल की गई तो पता चला कि शहरवासियों के साथ 'धोखा' किया गया। आज दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट आपको शहर में हो रही शुद्ध पीने के पानी की आपूर्ति की सच्चाई को बता रहा है।

भ्0 परसेंट वॉटर लाइन डैमेज

जल निगम के आंकड़ों की मानें तो शहर में पिछले कई दशकों से वॉटर लाइनों को बदला नहीं गया है। जिससे यह लाइनें कई स्थानों पर डैमेज हो चुकी हैं। यहां तक कि नाली व सीवर लाइन का पानी भी डेमेज वाटर लाइनों में मिल रहा है। इससे गंदा और बदबूदार पानी घरों तक पहुंच रहा है। मौजूदा समय में शहर की भ्0 परसेंट आबादी में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है।

नहीं होती पानी की टेस्टिंग

पानी की टेस्टिंग का जिम्मा नगर निगम और जल निगम और हेल्थ विभाग के पास है। पिछले कुछ साल पहले नगर निगम में एक केमिस्ट तैनात है, जो पानी की टेस्टिंग करता है। वहीं जल निगम में पानी की एक लैब भी है, जिसमें अधिकतर टेस्टिंग के आंकड़े सही आते हैं, लेकिन इनकी रिपोर्ट भरोसे के लायक नहीं है।

इस प्रकार होती है सप्लाई

नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक शहर की कुल आबादी ब्भ्,ख्ब्,फ्ख्ब् है। पानी की सप्लाई के लिए शहर में फ्8 जोनल पंपिंग स्टेशन हैं, जो शहर की फ्0 लाख की आबादी को पानी की सप्लाई करते हैं। इन पंपिंग स्टेशनों के जरिए टंकियों में पानी भरा जाता है और यहां से आबादी को पानी सप्लाई किया जाता है। बाकी आबादी को लगभग भ्0 ट्यूबवेल के जरिए पानी की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा शहर में हैंडपंप भी पानी का बड़ा विकल्प हैं, जो भ्,000 से ज्यादा की संख्या में खराब पड़े हैं।

कहीं कोई जांच नहीं हो रही

नियम है कि पानी की क्वालिटी को चेक करने के बाद ही उसे सप्लाई किया जाए। लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है। खुद नगर निगम कहता है कि पानी साफ करके रिपार्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाती है। लेकिन जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पता किया तो मालूम चला कि कई हफ्तों से रिपोर्ट आई ही नहीं है। कई इलाकों में सप्लाई किए जाने वाली पानी में क्लोरीन की मात्रा 0 शून्य है, जो शरीर के लिए खतरनाक है। अब ऐसी स्थिति में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट पर कैसे विश्वास किया जाए।

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प्रदूषित पानी से बीमारियां

उल्टी, दस्त, दिमागी बुखार, गेस्ट्रोइंटाइटिस, कैंसर, स्किन डिजीज और अन्य पेट से संबंधित गंभीर समस्याएं।

यहां गंदे पानी की सप्लाई

जूही, लाल कॉलोनी, गोविंद नगर, विजय नगर, शास्त्री नगर, शिवकटरा, जाजमऊ, कौशलपुरी, बिरहाना रोड, चमनगंज, कुली बाजार, बर्रा विश्व बैंक, हरबंश मोहाल सहित सैकड़ों इलाके।

पानी की सप्लाई की स्थिति

शहर की कुल आबादी - ब्भ्,ख्ब्,फ्ख्ब्

डेली पानी की डिमांड- 700 एमएलडी

ट्यूबवेल की संख्या - भ्0

जोनल पंपिंग स्टेशन - फ्8

हैंडपंप की संख्या-क्क्,889

हैंडपंप खराब पड़े ---भ्,000

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शुद्ध पानी सप्लाई के आंकड़े

अर्बन एरिया मे - 99.ख् परसेंट

रूरल एरिया में---99.0 परसेंट

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''शहर में जगह-जगह से पानी के सैंपल कलेक्ट कर जांच की जाती है। सीएमओ ऑफिस में इसकी पूरी रिपोर्ट भी भेजी जाती है। शहर को पूरी तरह स्वच्छ पानी की सप्लाई की जा रही है.''

डॉ। आरके सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम