रथयात्रा मेले के दूसरे दिन उमड़ी जोरदार भीड़, देर रात तक मेला क्षेत्र रहा गुलजार

संडे की छुट्टी ने मेला देखने वालों को उपलब्ध कराया एंटरटेनमेंट का बेहतर ऑप्शन

VARANASI

संडे तो वैसे ही मस्ती भरा होता है। कोई काम धाम नहीं बल्कि पूरे दिन मजा ही मजा। अगर इस मस्ती के दौरान किसी त्योहार या आयोजन का साथ मिल जाता है तो मस्ती दोगुनी हो जाती है। ऐसा ही कुछ इस संडे को हुआ। रथयात्रा मेले को संडे का साथ मिला और मस्ती अनलिमिटेड। लगा की पूरा शहर एक साथ मेला देखने उमड़ आया हो। रथयात्रा में तो मेला लगा ही है, इधर लक्सा, गोदौलिया, सिगरा, महमूरगंज तक मेले की रंगीनियां बिखरी रहीं। इन इलाकों में लगी छोटी बड़ी दुकानों पर लोग खरीदारी करते और अपने मुंह का स्वाद बदलते देखे गये।

देर रात तक रही रौनक

संडे होने के चलते सुबह से ही मेले में भीड़ रही। दोपहर में धूप तेज होने के चलते भीड़ में कुछ कमी रही पर जैसे ही सूरज की तल्खी कम हुई लोगों का घरों से निकलना शुरू हो गया। हालात यह कि शाम होते होते पूरा इलाका लोगों से पट गया था। लोगों ने पहले तो भगवान जगन्नाथ का दर्शन किया। उसके बाद में मेले का आनंद लिया। मेले की रौनक देर रात तक बनी रही। तरह तरह के झूले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहे। गोलगप्पे और चाट की दुकानों पर महिलाओं की और बच्चों की भीड़ जमा दिखी। विभिन्न आकार के मिट्टी के गुल्लक भी खूब पसंद किये जा रहे थे। नारियल, सूजी और मैदे की बनी नानखटाई की भी जबरदस्त डिमांड रही।

भगवान ने खायी पूड़ी सब्जी

रविवार को भगवान के दर्शन का क्रम सुबह भ्.क्क् बजे शुरू हुआ। भगवान को नौ बजे छौंका हुआ मूंग, चना, पेड़ा गुड़ व देसी चीनी के शर्बत का भोग लगाया गया। इसके बाद दोपहर में उन्हें पूड़ी, कोहड़े और लौकी की सब्जी, दही, आम व कटहल का अचार परोसा गया। फिर तीन बजे से भगवान के दर्शन का क्रम शुरू हुआ जो रात क्ख् बजे तक चला।