- नारियल पानी व फलों के जरिए अटैक कर सकता है निपाह वायरस

- फल मंडी में भी कम हो गई है केरल और आसपास से आने वाले फलों की आवक

इन फलों में निपाह वायरस का संक्रमण
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GORAKHPUR:
खतरनाक निपाह वायरस को लेकर देशभर में अलर्ट है। हालांकि अभी पूर्वाचल में इसका खतरा नहीं दिखाई दे रहा है। लेकिन यहां के लोग भी केरल और अगल-बगल के राज्यों से आने वाले फलों के चलते इसके शिकार बन सकते हैं। शहर की फलमंडी में ज्यादातर फलों की खेप केरल सहित अन्य राज्यों से आती है। डॉक्टर्स की मानें तो इन फलों में निपाह वायरस का संक्रमण हो सकता है।

खतरे न कम कर दी आवक
निपाह वायरस फैलने के बाद गोरखपुर में भी स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। गोरखपुर की थोक मंडी में केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से ज्यादातर नारियल की खेप आती है। नारियल, खजूर आदि फलों की बड़े पैमाने पर यहां आवक होती है। मगर निपाह वायरस अलर्ट के चलते इन दिनों नारियल लाने वाली एक या दो गाडि़यां ही मंडी में पहुंच रही हैं। बताते चलें कि केरल में इन दिनों निपाह वायरस का खतरा नारियल, खजूर आदि फलों में ही सबसे ज्यादा है।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
निपाह वायरस के खतरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही सुअर बाड़ों के आस-पास रहने वाले लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। ज्यादातर चमगादड़ खजूर और नारियल के पेड़ पर होते हैं। इसलिए ऐसे फल जो मार्केट में बिक रहे हैं, उस पर स्वास्थ्य विभाग नजर बनाए हुए है। पब्लिक से अपील है कि कटे-फटे फलों का सेवन न करें। यदि फलों का सेवन करें तो उन्हें पानी से अच्छी तरह धोकर ही खाएं।

संभलकर पीएं नारियल पानी
सिटी में भी नारियल पानी की खूब डिमांड रहती है। चूंकि नारियल से ही निपाह वायरस का सबसे ज्यादा खतरा है। ऐसे में नारियल पानी के शौकीन लोगों को खासा सावधान रहने की जरूरत है।

फैक्ट फिगर

करेल, आंध्रा, तमिलनाडु से नारियल की आवक - 1 से 2 गाड़ी प्रतिदिन

- प्रतिदिन नारियल पानी की फुटकर में खपत - 5000 पीस

- एक माह में नारियल का कारोबार लगभग - 60 लाख रुपये

- खजूर की बिक्री एक माह में लगभग - 4 से 5 लाख रुपये

बीमारी के लक्षण

- सांस लेने में दिक्कत

- बुखार

- सिरदर्द

- चक्कर के साथ झटके आना

- अनमैनेज्ड रूटीन

- मेंटल कंफ्यूजन

- कोमा

- पोटेंशियली टेथ

कैसे हो सकता है ट्रांसमिट

- सुअर के साथ काम करने वाले या उन्हें कंज्यूम करने वालों से

- किसान जो बैट्स के कॉन्टैक्ट में आते रहते हैं।

- उन फलों को खाना, जिन्हें बैट्स ने पहले ही काट लिया हो।

- इंफेक्टेड लोगों के टच में आने पर

- कोई भी ऐसा फल जो कटा हो, छेद हो या फिर खराब हो तो उसका सेवन भी बिल्कुल न करें।

बचाव के तरीके

- पिग हैंडलर्स के कॉन्टैक्ट में आने से बचें।

- हाईजीन मेनटेन करें और रेग्युलर हैंडवॉश करें।

- रॉ फ्रूट खाने से बचें और सिर्फ वेल कुक्ड, क्लीन और घर पर बने खाने ही खाएं।

- जब भी पब्लिक प्लेस पर निकलें तो एन-95 मास्क का इस्तेमाल करें।

- अगर बीमारी से जुड़ा कोई भी सिम्प्टम नजर आता है तो फौरन ही डॉक्टर को दिखाएं।

- ट्रेन या हवाई जहाज में जा रहे हैं तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।

- फलों को धोकर ही उसका सेवन करें

- सुअर बाड़ों के आस-पास रहने वाले विशेष तौर कर सावधानी बरतें

- अगर आपके घर के आस-पास चमगादड़ का डेरा है तो उसकी चूने से पुताई कराएं

-घर के आस पास कुआ यदि सूख गया हो और उसमें पेड़े उग गए हों तो उसकी सफाई करवाकर दवाओं का छिड़काव कराएं

-हाथ को साबुन से धोकर ही भोजन का प्रयोग करें।

- घर से बाहर निकलने पर मुंह को ढक कर निकलें।