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PRAYAGRAJ: चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन विशेष रहा. रविवार को दिनभर सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहा तो मां कल्याणी देवी, मां ललिता देवी, मां अलोपशंकरी व मां खेमामाई मंदिर सहित अन्य देवी धामों में भक्तों की कतार मां भगवती के पूजन-दर्शन करने के लिए लगी रही. मां कल्याणी देवी के दरबार में पंडित श्यामजी पाठक की अगुवाई में भोर में मंगला आरती की गई तो स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित त्रिपुर सुंदरी मां ललिता के दरबार में सुबह से ही घंटा-घडि़याल और ढोल-मजीरा की गूंज सुनाई देती रही.

परिसर में अनुष्ठान, चलता रहा पाठ
अलोपीबाग स्थित मां अलोपशंकरी का पालना छूने के लिए मां भगवती का जयकारा लगाते हुए भक्तों में होड़ लगी रही. इसके लिए मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा गर्भगृह, परिसर व पालकी को फूलों से आकर्षक तरीके से सजाया गया था. मंदिर के परिसर में शाम पांच बजे के बाद से लेकर देर रात तक भक्तों ने बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ, शतचंडी पाठ व अनुष्ठान भी किया. चौक स्थित मां खेमामाई मंदिर में मां के दूसरे स्वरूप का श्रृंगार बहुरंगी फूलों व बुके से किया गया. शाम की मंगला आरती के बाद शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा. मां कल्याणी देवी के दरबार में देर शाम मेजा विधायक नीलम करवरिया व डॉ. रीता बहु गुणा जोशी ने पहुंचकर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया.

ईश्वर की कृपा से मिलता है विवेक और सत्संग
श्री नव संवत्सर मानस समिति की ओर से मां कल्याणी देवी परिसर में आठ दिवसीय रामकथा का श्रीगणेश हुआ. कथा व्यास ऋषि महाराज ने बताया कि भगवान राम की कृपा से सत्संग का अवसर प्राप्त होता है और सत्संग से ही विवेक मिलता है. इसके लिए ऋषि महाराज ने पंचवटी प्रसंग की महत्ता पर प्रकाश डाला.