-गोरखपुर यूनिवर्सिटी में नौ अगस्त को मिला था प्रमाण पत्र, अब लगा रहे ऑफिस का चक्कर

GORAKHPUR: केंद्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार की सख्ती के बाद भी अधिकारी प्रधानमंत्री आवास योजना को अधिकारी असफल करने पर तुले हैं। उदासीनता इस कदर है कि जिन लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में योजना की स्वीकृति का प्रमाण पत्र दिया गया था। उन्हें आज तक लाभ नहीं मिल सका है।

नौ अगस्त 2017 को गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सीएम ने 5129 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति का प्रमाण पत्र बांटा था। इनमें नगर निगम एरिया के 2787 लोगों को प्रमाण प˜ा मिला था।

एक साल से लगा रहे 500 आवेदक

मुख्यमंत्री से योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र पाने के बाद शायद ही किसी को आशंका हो कि सालों इंतजार के बाद आवास नहीं मिलेगा। प्रमाण पत्र मिलने के बाद पहले तो लोग महीनों इंतजार करते रहे। फिर जब जानकारी के लिए डूडा कार्यालय गए तो हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला। अभ्यर्थियों का आरोप है कि कुछ लोगों ने खुद को एजेंट बताकर लोगों से 500 से लेकर 1000 रुपए तक वसूली कर चुके हैं। प्रमाण मिलने के बाद भी अभी तक योजना का लाभ नहीं पाने वालों की संख्या 500 से अधिक है। इन सभी लोगों को गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में स्वीकृति प्रमाण पत्र मिला था। मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए जाने के बाद स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं ने भी कैंप लगाकर प्रमाण पत्र बांटे थे

केस-1

अंगुरी खातून को नौ अगस्त 2017 के दिन गोरखपुर यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया था। मकान का सर्वे करने के लिए डूडा का एजेंट बनकर आए सर्वेयर ने 500 रुपए भी ऐंठ लिए। लेकिन अभी तक अंगुरी टीन शेड के मकान में रह रही हैं। एक साल से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अंगुरी को मकान का इंतजार है। जबकि, इस दौरान सेलेक्ट हुए कई लाभार्थियों को योजना का पूरा लाभ मिल चुका है।

केस-2

जर्जर मकान की मरम्मत के लिए सोना देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था। आवेदन सेलेक्ट हुआ और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में गोरखपुर यूनिवर्सिटी में उन्हें योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र दिया गया। सर्वे करने के लिए दो बार एजेंट आ चुके हैं। मकान की नाप-जोख लेने के बाद भी अभी योजना का लाभ नहीं मिला है। आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं है कि खुद से मकान का नवीनीकरण कर सकें।

केस-3

सर्वोदय नगर बिछिया निवासी संतोष यादव ने रोजगार के नाम पर कुछ दुधारू गायें पाल ली हैं। आय इतनी नहीं कि खुद से मकान बनवाने के बारे में सोच सकें। 9 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जब गोरखपुर यूनिवर्सिटी में प्रधानमंत्री आवास योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र मिला तो खुद के आवास का सपना साकार होने की कुछ उम्मीद जगी। सर्वे के नाम पर आए एजेंट दो बार 500-500 रुपए खर्चा-पानी के नाम पर ले चुके हैं। सैकड़ों बार डूडा ऑफिस के चक्कर लगा चुके हैं।

वर्जन

करीब 1000 फाइलें पूरी तरह से तैयार हो चुकी हैं। 410 को जांच के लिए निगम को भेजा गया है। निगम की जांच में जो अयोग्य पाए गए हैं। उनका आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है। निगम से सत्यापन प्राप्त होने के तीन दिनों के अंदर उनके खाते में पैसा भेज दिया जाएगा।

तेज कुमार, डूडा पीओ