गंदगी की समस्या से परेशान हैं वार्ड 4 के लोग, सालों से नहीं हुर्ह नाले की सफाई

गलियों में गोबर और गंदगी से लोगों का जीना मुहाल

Meerut । वार्ड 4 में लोग गंदगी से परेशान हैं। यह शहर का दूसरा सबसे बड़ा वार्ड है। इसमें एक दर्जन से अधिक मोहल्ले आते हैं। मुख्य मार्ग की बात छोड़ दी जाए तो गली मोहल्ले के बाहर गंदगी का अंबार लगा रहता है। इसके अलावा गलियों के अंदर भी जगह-जगह गंदगी का ढेर पड़ा रहता है। जिसके कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा वार्ड में जो नाला है वह भी गंदगी से अटा पड़ा रहता है। नाले की सफाई कब हुई थी इसका पता नहीं। सड़कों के किनारे गोबर भी रहता है। हैंडपंप भी खराब पड़े हुए हैं। अनेक बार लोग हैंडपंप को ठीक कराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन फिर भी नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। नालियां भी गंदगी से अटी पड़ी रहती है। हालात यह है गंदगी से नाली ऊपर तक भरी हुई हैं।

ये है डिमांड

- दोनो समय सफाई होनी चाहिए।

- हैंडपंप ठीक होने चाहिए।

- नाले की सफाई नियमित होनी चाहिए।

- मुख्य मार्गो पर डस्टबिन रखे होने चाहिए।

- नालियों की सफाई होनी चाहिए।

वार्ड- 4

पार्षद- ओमवीरी

जनसंख्या- 40 हजार

वोटर- 15 हजार

मोहल्ले- कृष्णा नगर, सोफीपुर, पल्हैड़ा, गंगोत्री कॉलोनी, एकता नगर, पीएसी, परिवहनपुरम, वृंदावन गार्डन, राजनकुंज, विवेक विहार, गणपति नगर, तिरूपति कॉलोनी, न्यू फ्रेंडस कॉलोनी, डोगरा बस्ती, आनंदी लोक, बलवंत एंक्लेव, इंद्रप्रस्थ स्टेट, आनंद निकेतन

पढ़ाई- पांचवी

प्रश्न- बाते पांच साल में आपने क्या विकास कार्य कराए।

उत्तर- बीते पांच साल में मैने 12 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य कराएं है। जिसमें नाली, खड़ंजे, इंटरलॉकिंग टॉयल लगवाई है। इसके अलावा लोगों की जो भी समस्या है उसको तुरंत समाधान करने का प्रयास करती हूं।

प्रश्न- वार्ड में गंदगी बहुत अधिक है

उत्तर- मेरा वार्ड बहुत बड़ा है। सफाई नियमित रूप से होती है। शाम होते-होते फिर से गंदगी हो जाती है। रही बात डस्टबिन तो अनेक बार नगर निगम को लिखकर दे चुके हैं। लेकिन निगम के अधिकारी है कि काम करने को तैयार नहीं है।

प्रश्न- हैंडपंप में खराब पड़े हुए है।

उत्तर- हैंडपंप वार्ड में सौ से अधिक लगे हुए है। अधिकांश हैंडपंप चालू हालात में है। जो खराब है उनके लिए निगम के जलकल विभाग को सूची बनाकर दे रखी है। रिबोर का टेंडर न होने के कारण हैंडपंप ठीक नहीं हो पा रहे हैं।

प्रश्न- नाले में बहुत गंदगी है, बहुत दिनों से सफाई नहीं हुई है।

उत्तर- नाले सफाई की समस्या वाकई में है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग व नगर आयुक्त को अनेक बार लिखकर दे चुकी हूं मैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग है नाले की सफाई नहीं करते हैं।

नाला

वार्ड में ही नहीं पूरे शहर में नाला सफाई नहीं होती है। यदि होती भी है तो उसमें सिल्ट सड़कों पर पड़ा रहता है। सिल्ट को निगम के कर्मी उठाते नहीं है। जिसके कारण फिर से गंदगी नालों में पहुंच जाती है। आबूनाला शहर का मुख्य नाला है।

नालियां

वार्ड में गलियों में बनी नालियां बहुत गंदी रहती है। नालियां गंदगी से अटी पड़ी हुई हैं। नालियों को देखकर ऐसा लगता है कि महीनों से इनकी सफाई नहीं हुई है। गंदी नालियों के कारण कई बार जलभराव की समस्या भी हो जाती है।

हैंडपंप

वार्ड में अनेक हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। हैंडपंप जंग लग चुकी है। हालात यह है कि हैंडपंप के आसपास गंदगी का अंबार लगने लगा है। जिसके कारण वहां पर मच्छर भी होने लगे हैं। हैंडपंप खराब होने के कारण लोगों को खासी समस्या होती है।

गंदगी

वार्ड में अनेक स्थानो पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। यह हाल गली मोहल्लों का नहीं बल्कि मुख्य बाजारों का भी यही हाल है। यह हाल तब है जब यहां पर लगभग अधिकांश पॉश कालोनियां हैं। उनके गेट के आगे भी कूड़े का ढेर लगा रहता है।

गोबर

इस वार्ड में डेयरियां बहुत अधिक हैं। डयेरियों से निकलने वाला गोबर नालियों में बहाया जाता है। यही नहीं खाली पड़े प्लॉट व सड़को के किनारे में गोबर पड़ा रहता है। डेयरी मालिक सड़कों के किनारे उपले बनाते हैं। गोबर के कारण मोहल्लों में मच्छरों की संख्या भी बहुत अधिक होती है।

वार्ड में गदंगी सबसे बड़ी समस्या है। सुबह को सफाई कर्मी आते हैं। कूड़ा भी उठाकर ले जाते हैं। लेकिन शाम होते- होते फिर से गंदगी का अंबार लग जाता है। दोनो समय सफाई हो तो बहुत अच्छा होगा।

-विवेक आत्रेय

एक तरफ पीएम और सीएम स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम गंदा भारत अभियान चला रहा है। सफाई के नाम पर कुछ नहीं होता है।

-नीतू

मोहल्ले की नालियां बहुत गंदी रहती हैं। नालियां गंदगी से अटी पड़ी हुई हैं। जिसके कारण मच्छर भी बहुत अधिक हो जाते हैं। कम से कम सप्ताह में एक बार तो नाली की सफाई होनी चाहिए।

-कैलाश

शहर में नालो की स्थिति बहुत खराब है। बारिश के दिनों में तो नालों में गंदा पानी बहता हुआ दिखाई देता है। वरना और दिनो में केवल गंदगी ही दिखाई देती है। एक महीने में कम से कम एक बार तो नाले की सफाई हो जानी चाहिए।

-प्रिंस त्यागी