चुनाव कार्यालय खोलने और प्रचार वाहन के लिए नहीं मिल रहा परमिशन

दोनों अधिकारी प्रत्याशियों को एक-दूसरे के कार्यालय का लगवा रहे हैं चक्कर

ALLAHABAD: एक बहुत पुराना शेर है, जिसे अक्सर मजाक के तौर पर लिया जाता है 'इस चिलमन से ये झांके, उस चिलमन से वो झांके'। इस समय नगर निगम का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की हालत भी ऐसी ही हो गई है। उन्हें कार्यालय खोलने के लिए परमिशन और प्रचार-प्रसार के लिए वाहन पास चाहिए। इसके लिए आरओ के पास जा रहे हैं तो वे एसीएम के पास जाने को कह रहे हैं और एसीएम के पास जा रहे हैं तो वे आरओ कार्यालय में अप्लीकेशन देने की सलाह दे रहे हैं। कुल मिलाकर दोनों अधिकारियों के इस खेल में प्रत्याशी घनचक्कर बनकर रह गए हैं। उनका कहना है कि अब प्रचार के लिए महज नौ दिन बचे हैं और अधिकारियों के इस रवैये से वे अपना प्रचार भी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि बिना परमिशन न तो कार्यालय खोलने दिया जा रहा है और नहीं बिना पास गाड़ी चलने दी जा रही है।

सिर्फ प्रत्याशी को दिया वाहन पास

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बुधवार को इसकी हकीकत जानने का प्रयास किया। हमारी टीम वार्ड 52 प्रयाग घाट की पार्षद प्रत्याशी कुसुम निषाद के देवर अधिवक्ता राजकुमार निषाद के साथ खनन विभाग कार्यालय में बने आरओ ऑफिस पहुंची। वार्ड 52 प्रयाग घाट एसीएम-1 के अधीन आता है। राजकुमार ने प्रचार वाहन के लिए एसीएम-1 के कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए कहा कि परमिशन संबंधित रिटर्निग ऑफिसर ही देंगे। आरओ के यहां पहुंचने पर जवाब मिला कि वे केवल प्रत्याशी के वाहन के लिए पास दे सकते हैं। उन्होंने प्रत्याशी के घुमने के लिए एक वाहन पास जारी भी किया। साथ ही कहा कि प्रचार के लिए वाहन पास एसीएम ही जारी करेंगे।

निवार्चन कार्यालय में मिली निराशा

आरओ और एसीएम के यहां से निराश राजकुमार निर्वाचन कार्यालय पहुंचे और लिखित में शिकायत की। वहां से भी उन्हें फिर आरओ के पास भेज दिया गया। तीन ऑफिस का चक्कर काटकर थके हारे राजकुमार फिर आरओ ऑफिस पहुंचे तो इस बार आरओ वहां मौजूद ही नहीं थे। करीब दो घंटे बाद सवा तीन बजे एक बार फिर पहुंचे तो ऑफिस में ताला लटक रहा था। उन्होंने बताया कि लगभग सभी प्रत्याशियों का यही हाल है। वे कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं और अधिकारी इस खिड़की (चिलमन) से उस खिड़की का चक्कर लगवा रहे हैं।

प्रत्याशियों को वाहन पास की परमिशन आरओ को देना है। जिन्हें चाहिए वे सीधे आरओ से मुलाकात करें। अगर किसी को दिक्कत आ रही है तो वह निर्वाचन कार्यालय से संपर्क कर सकता है।

दिनेश तिवारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी, निकाय चुनाव