रावलपिंडी जेल के अध्यक्ष मलिक मुश्ताक़ ने बीबीसी को बताया है कि बुधवार की शाम साढ़े सात बजे अदालत का आदेश मिलने के बाद परवेज़ मुशर्रफ़ को रिहा कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि वो और उनके दूसरे अधिकारी गृह मंत्रालय की अधिसूचना का इंतज़ार कर रहे हैं जिसके मिलने के बाद से वो चक शहज़ाद फ़ार्म हाउस से रवाना हो जाएंगे.

पाकिस्तान हुकूमत ने चक शहज़ाद फ़ार्म हाउस को सब-जेल में तब्दील कर दिया था.

देश से बाहर नहीं जाएंगे

"परवेज़ मुशर्रफ़ क़ानूनी तौर पर रिहा तो हो गए हैं लेकिन उन्हें घर से निकलने की इजाज़त नहीं है. हां वो उन दो कमरो से बाहर आकर जिसमें उन्हें कैद किया गया था बाहर घूम फिर सकते हैं."

-शहज़ाद मलिक, बीबीसी संवाददाता

परवेज़ मुशर्रफ़ की सुरक्षा के बारे में मलिक मुश्ताक का कहना था कि ये पुलिस की ज़िम्मेदारी है.

इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता शहज़ाद मलिक का कहना है कि हालांकि परवेज़ मुशर्रफ़ क़ानूनी तौर पर रिहा तो हो गए हैं लेकिन उन्हें घर से निकलने की इजाज़त नहीं है, हां वो उन दो कमरों से बाहर आकर जिसमें उन्हें क़ैद किया गया था बाहर घूम फिर सकते हैं.

परवेज़ मुशर्रफ़ को उनके ख़िलाफ़ चल रहे चारों मुक़दमों में  ज़मानत हासिल हो गई है लेकिन वो मुल्क छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं क्योंकि इस मामले में भी उनपर पाबंदी लगी हुई है.

दूसरी तरफ़ ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग की प्रवक्ता आसिया इसहाक़ ने कहा कि जबतक सारे मुक़दमों का फ़ैसला नहीं हो जाता उनके नेता यानी परवेज़ मुशर्रफ़ मुल्क छोडकर नहीं जाएंगे.

कुछ जगहों पर ये भी कहा जा रहा है कि ये ज़मानतें पूर्व जनरल और हुकूमत के बीच एक समझौते के तहत मिली है.

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