-एटीएस को मिली आगरा एफएसएल की कंफरमेट्री जांच रिपोर्ट

-किसी भी तरह के विस्फोटक होने से विशेषज्ञों ने किया इंकार

-एनआईए को सौंपी जाएगी रिपोर्ट, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW :

विधानभवन में बरामद संदिग्ध पाउडर की लखनऊ स्थित यूपी फॉरेंसिक लैब द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पीईटीएन होने का दावा फर्जी निकला। आगरा फॉरेंसिक लैब ने बरामद पाउडर की कंफरमेट्री जांच के बाद इसके विस्फोटक होने से इंकार किया है। लैब की ओर से एटीएस को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। जिसके बाद पूरे घटनाक्रम के आतंकी कनेक्शन की आशंका भी निर्मूल साबित हो गई है। अब यह रिपोर्ट मामले की जांच कर रही एनआईए को सौंपी जाएगी। हालांकि, इस मामले में हुई फजीहत को देखते हुए एटीएस अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

जांच में नहीं हुई पुष्टि

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, आगरा फॉरेंसिक लैब द्वारा बरामद संदिग्ध पाउडर की कंफरमेट्री जांच के बाद तैयार रिपोर्ट में बताया है कि इस पाउडर में क्रिस्टलीय पदार्थ मौजूद मिले लेकिन, किसी भी प्रकार का विस्फोटक नहीं पाया गया। वहीं, बरामद पाउडर आखिर है क्या, यह पता करने के लिये आगे की जांच की बात कही गई है। यह रिपोर्ट एटीएस को आधिकारिक रूप से सौंप दी गई है। एटीएस सूत्रों ने बताया कि आगरा लैब से मिली यह रिपोर्ट फिलवक्त मामले की जांच कर रही एनआईए को सौंपी जाएगी। वहीं, सीएफएसएल हैदराबाद भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट भी जल्द एटीएस को मिलने की उम्मीद है।

यह था मामला

बीती 12 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद सफाई के दौरान विपक्षी विधायक की कुर्सी पर 150 ग्राम संदिग्ध पाउडर मिला था। इस पाउडर को जांच के लिये पुलिस ने यूपी फॉरेंसिक लैब भेजा था। जहां प्रारंभिक जांच के बाद डायरेक्टर डॉ। एसबी उपाध्याय ने अधिकारियों को सूचना दी कि बरामद पाउडर घातक विस्फोटक पीईटीएन है। गौरतलब है कि पीईटीएन को आतंकवादी इस्तेमाल करते हैं। डॉ। उपाध्याय के दावे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी थी और इस पूरे मामले की जांच एनआईए से कराने के लिये विधानसभाध्यक्ष से निवेदन किया था। विधानसभाध्यक्ष ने मामले की जांच एनआईए से कराने की संस्तुति की थी। यहां तक तो मामला ठीक था, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब यूपी फॉरेंसिक लैब द्वारा भेजे गए सैंपल की कंफरमेट्री जांच के बाद 17 जुलाई को आगरा एफएसएल ने बताया कि बरामद पाउडर पीईटीएन नहीं है। हालांकि, जब इस पर हंगामा शुरू हुआ तो डॉ। उपाध्याय अधिकारियों के सामने पलटी मार दी। उन्होंने बताया कि आगरा एफएसएल को जांच के लिये कोई सैंपल भेजा ही नहीं गया। लेकिन, यूपी फॉरेंसिक लैब द्वारा आगरा एफएसएल को भेजे गए सैंपल का डॉकेट नंबर भी मीडिया में आ गया। जिसके बाद पूरी सरकार ही बैकफुट पर आ गई थी।