अब पेट्रो प्लांट से बनेंगे डीजल और पेट्रोल

LUCKNOW: एलगल बॉयोडाइर्सिटी में भारत में तेजी से शोध किए जा रहे हैं। इसके तहत ऐसे प्लांट्स की खेती की जा रही है जिनसे बॉयो पेट्रोल और बॉयो डीजल बनाया जा सके। भारत में ऐसे प्लांट्स की चार सौ वैराईटी हैं। देहरादून में इस पर वृहद शोध किया जा रहा हैं। इसमें जेट फ्यूल तक निकाले जाने पर काम हो रहा है। यह बात संडे को जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो। बीएन पांडेय ने कही। वह लखनऊ यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग में जैवविविधता पर आयोजित सेमिनार दूसरे दिन बोल रहे थे। प्रो पांडेय ने कहा कि कई देशों में बॉयोफ्यूल का यूज किया जा रहा है। इनमें चाइना, मैक्सिको, मलेशिया, नॉरवे समेत कई ऐसे देश शामिल हैं जहां सफ लतापूर्वक बॉयोफ्यूल से गाडि़यों का संचालन किया जा रहा हैं। बीआरएम यृनिवर्सिटी औरंगाबाद के प्रो। जीके कुलकर्नी ने बताया कि वर्तमान में जैवविविधात खतरे में हैं। मेमल्स की क्7 प्रजातियां पूरी तहर नष्ट हो चुकी हैं। आईयूसीएन की ख्0क्0 की रिपोर्ट के मुताबिक मेमल्स की फ्9 प्रजातियां नश्ट होने की कगार पर हैं। इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। गुवाहाटी यूनिवर्सिटी के डॉ। यूसी गोस्वामी ने कहा कि जलीय जैवविविधता की स्थिति अच्छी नहीं हैं, और इसकी केयर करने वाले भी कम हैं। वर्तमान में इसके संरक्षण की आवश्यकता है।