जीत के लिए हर पैंतरा जायज है इसी रूल को फॉलो करते हुए दिल्ली असेंबली इलेक्शन से ठीक पहले सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में 2.42 रुपये और 2.25 रुपये पर लीटर की कमी कर दी है. आमतौर पर तेल कंपनियां हर महीने की 14-15 तारीख या 30 या 31 तारीख को प्राइज में चेंज करती हैं. यह शायद पहला मौका है जब उन्होंने इसके बीच में कीमत बदली है. दिल्ली में सात फरवरी को इलेक्शन है. प्राइजेस में इस बदलाव के बाद दिल्ली में पेट्रोल की प्राइज 58.91 रुपये से घटकर 56.49 रुपये पर लीटर हो गई है. इसी तरह से डीजल की नई कीमत 46.01 रुपये पर लीटर होगी. नई कीमतें ट्यूजडे मिड नाइट से लागू हो गई हैं.

इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में कमी की वजह से तेल कंपनियों ने यह फायदा आम जनता को दिया है. लेकिन राहत जिस मौके पर दी गई है उसको लेकर सवाल उठने तय हैं. आम तौर पर चुनाव से पहले पेट्रोल व डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं करने वाली कंपनियों ने इस बार आगे बढ़ कर आम जनता को तोहफा दिया है. पिछले साल महाराष्ट्र और हरियाणा इलेक्शन से ठीक पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल प्राइजेस में कोई चेंज नहीं किया था, तब कोड ऑफ कंडेक्ट का हवाला दिया गया था. सरकार ने भी इस वजह से गैस प्राइज, डीजल डीरेग्यूलेशन जैसे मुद्दे को टाल रखा था. तेल कंपनियों का कहना है कि वे कभी भी प्राइज डिसाइड कर सकती हैं. चूंकि यह फैसला पूरे देश में लागू होता है, इसलिए कोड ऑफ कंडेक्ट भी इस पर लागू नहीं होता.

तेल कंपनियों की तरफ से कीमत घटाने के बावजूद पेट्रोल पर उन्हें अभी भी चार रुपये का मार्जिन मिल रहा है. जबकि डीजल पर 3.6 रुपये पर लीटर का ज्यादा मार्जिन है. इसे इंडीकेशन माना जा रहा है कि सरकार आने वाले दिनों में पेट्रोलियम प्रोडेक्टस पर एक्साइज ड्यूटी की दर में एक बार फिर बढ़ोतरी करेगी. वैसे इंटरनेशनल मार्केट के जानकार यह भी कयास लगा रहे हैं कि क्रूड ऑयल में अब नरमी के दिन गए और इसमें अब बढ़ोतरी हो सकती है. पिछले चार दिनों में इसमें करीब 15 परसेंट का इजाफा हुआ है.

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