RANCHI : मंगलवार की आधी रात से एकबार फिर पेट्रोल के दाम क्.ख्भ् रुपए प्रति लीटर कम हो गए हैं। रांची में पेट्रोल की कीमत अब म्म्:0फ् रूपए है। पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल के दाम में लगातार हो रही कमी से कार और बाइक ओनर्स तो खुश हैं, पर ऑटो पर सफर करनेवालों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। चाहे पेट्रोल के दाम कितने भी कम हो जाएं, पेट्रोल से चलने वाले ऑटो किराये में कमी नहीं होती है।

दो महीने में दूसरी बार कम हुए पेट्रोल के दाम

दो महीने में दूसरी बार पेट्रोल की कीमत में कमी की गई है। सितंबर महीने में पेट्रोल की कीमत में म्भ् पैसे प्रति लीटर की कमी की गई थी, जबकि क्ब् अक्टूबर की आधी रात से पेट्रोल के दाम क् रूपए ख्भ् पैसे प्रति लीटर कम किए गए हैं। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि पेट्रोल से चलनेवाले ऑटो के किराए में कमी आएगी, पर ऐसी कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है। पहले की तरह ही पेट्रोल ऑटो पैसेंजर्स से भाड़ा वसूल रहे हैं। इसके उलट पेट्रोल की कीमत बढ़ती है तो ऑटोवाले किराया बढ़ा देते हैं।

चलते हैं ख्भ्00 ऑटो

राजधानी रांची में अलग अलग रूटों पर करीब ख्भ्00 ऑटो चलते हैं। मेन रोड से बरियातू, सेंट जेवियर्स कॉलेज के पास से नामकुम, मेन रोड से कोकर और कांटाटोली चौक रूट में ज्यादातर पेट्रोल ऑटो चलते हैं। पेट्रोल ऑटो से हर दिन शहर में हजारों पैसेंजर्स आना-जाना करते हैं, लेकिन पेट्रोल के दाम कम होने से ऑटो पैसेंजर्स को राहत नहीं मिल रही है। पेट्रोल के दाम कम होने से ऑटो वालों की कमाई और बढ़ गई है। उनपर भाड़ा कम करने का भी दबाव किसी का नहीं है। नतीजा है कि वे मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं।

एक रुपए बढ़ा था भाड़ा

ख्0क्फ् में पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल ऑटो एसोसिएशन ने भाड़ा बढ़ाने का फैसला लिया था। हर रूट के ऑटो किराए में कम से कम एक रूपए की बढ़ोत्तरी की गई थी। उसके बाद से पेट्रोल के दाम में कई बार कमी की जा चुकी है, पर किराए में कभी कमी नहीं की गई। पेट्रोल ऑटो एसोसिएशन के अध्यक्ष शमीम अख्तर का कहना है कि एक साल पहले हमने किराया बढ़ाया था। उसके बाद से न तो किराया बढ़ाया है और न ही घटाया है।

रेलवे स्टेशन पर वसूलते हैं मनमाना भाड़ा

पेट्रोल ऑटोवालों की सबसे ज्यादा मनमानी रेलवे स्टेशन पर देखने को मिलती है। स्टेशन पर सबसे अधिक लोग ऑटो बुक करके जाते हैं। स्टेशन पर उपस्थित ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं। पेट्रोल का दाम कम हुआ है, उससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। एसोसिएशन के द्वारा किराया बढ़ाने पर जोर दिया जाता है, लेकिन किराये पर चलने वाले ऑटो के रेट को लेकर किसी तरह का रूल्स नहीं बनाया गया है।