कुछ ऐसी है जानकारी

गौरतलब है कि 16 फरवरी के बाद से यह लगातार चौथा ऐसा मौका है, जब तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर दी है. अब जाहिर सी बात है कि डीजल के दाम बढ़ने से माल भाड़ा भी बढ़ जाएगा और माल भाड़ा बढ़ने का सीधा असर सब्जी, फल और दालों पर भी पड़ेगा. ये और इनसे जुड़ी सभी चीजें एक के बाद एक महंगी हो जाएंगी. गुजरे 15 दिन में पेट्रोल में कुल 7.09 रुपये और डीजल में 5.08 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बढ़ोतरी हो चुकी है.

कैसे बढ़े दाम

अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर पेट्रोल और डीजल के दामों ये बढ़ोतरी आखिर हुई क्यों. इसका जवाब है कि भारत अपनी जरूरत का 75 से 80 फीसद कच्चा तेल बाहर से मंगवाता है. इसके बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें सरकार के नियंत्रण में बिल्कुल भी नहीं हैं. वहीं इनको तो पूरी तरह से बाजार के हवाले किया जा चुका है. बताया जाता है कि तेल कंपनियां हर महीने की पहली और सोलहवीं तारीख को एवरेज इम्पोर्ट कॉस्ट और रुपये डॉलर के एक्सचेंज रेट के आधार पर कीमतों को बदलती हैं. बीते दिनों कच्चे तेल के महंगे होने के बाद 30 अप्रैल को पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए थे. वहीं इस बार रुपये के कमजोर होने के कारण भी कीमतों में इजाफा हुआ है.

इस क्रम में बढ़ी हैं कीमतें

अब बात करें आदमी की तो अगस्त से लेकर फरवरी के बीच पेट्रोल की कीमत 10 किश्तों में 17.11 रुपये और डीजल की कीमत छह किश्तों में 2.96 रुपये तक नीचे आ गई थी. वहीं फरवरी के बाद से तेल कंपनियों ने इस बार चौथी दफा दोनों की कीमतों में बढ़ोतरी की है. याद करें 16 फरवरी को तो, तब पेट्रोल 82 पैसा और डीजल 61 पैसा महंगा हुआ था. उसके बाद 9 मार्च को पेट्रोल की कीमतों में 3.18 रुपये और डीजल भी महंगा हुआ. अब आया 30 अप्रैल, तो इस तारीख पर पेट्रोल 3.96 और डीजल 2.37 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया. कुल मिलाकर अब तक पेट्रोल की कीमत में 7.75 रुपये और डीजल पर 6.50 रुपये का इजाफा हो चुका है.

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