महिलाओं को दिक्कत

रसोई गैस के दामों में हुई बढ़ोतरी से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है. अचानक हुई इस बढ़ोतरी से महिलाओं को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. सब्जी-दाल के दाम पहले से आसमान छू रहे थे कि रसोई गैस के दामों में हुई बढ़ोतरी ने आग में घी का काम कर दिया है.

घरेलू एलपीजी के दामों में बढ़ोतरी

दरअसल तेल कंपनियों ने तीन श्रेणी के घरेलू एलपीजी सिलेंडरों के दामों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. जो एक अक्टूबर से लागू हो चुका है. दामों की बढ़ोतरी के बाद सब्सिडी श्रेणी सिलेंडर की कीमत में 50 पैसे, नॉन सब्सिडी (14.2 किग्रा) में 67.50 रुपया और 19 किग्रा व्यवसायिक श्रेणी में सबसे अधिक 108.50 रुपये की दर से वृद्धि की गयी है. नई दरों के अनुसार सब्सिडी युक्त सिलेंडर अब 428 रुपये, नॉन सब्सिडी सिलेंडर 1055 रुपये और व्यवसायिक सिलेंडर 1754.50 रुपया में उपभोक्ताओं को मिल सकेगा. रसोई गैस के दामों में हुई बढ़ोतरी ने आग में घी का काम किया है. सब्जियों के दाम पहले से ही आसमान छू रहे हैं ऐसे में रसोई का मैनेजमेंट संभालने में गृहणियों के होश फाख्ता हो रहे हैं.

कहती हैं गृहणियां

-केशीघाट क्षेत्र निवासी बीना अरोड़ा का कहना है कि सरकार जिस तरह रसोई गैस सिलेंडरों के दाम बढ़ा रही है, घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

-ब्रह्माकुंड क्षेत्र निवासी कमलेश चौधरी ने कहा कि रसोई गैस सिलेंडरों के दाम आए दिन बढ़ा दिये जाते हैं. इस पर सरकार कठोर कदम उठाये.

-गोविंद घेरा निवासी डॉ. मंजू शर्मा कहती हैं कि सरकार जब चाहे मंदी के नाम पर जिस भी वस्तु के दाम बढ़ा रही है. इससे आम लोगों का जीना दुश्वार हो चला है. थाली के व्यंजनों पर महंगाई के चलते दिन प्रतिदिन कमी आ रही है.

-राया गली निवासी हेमलता वा‌र्ष्णेय का मानना है कि अगर सरकार पेट्रो कंपनियों की मनमानी पर लगाम नहीं लगाएगी तो चुनाव में इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

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