नीयत में खोट ने दी पब्लिक को चोट

शनिवार की देर शाम जैसे ही न्यूज चैनल्स पर ये खबर फ्लैश हुई कि पेट्रोल के प्राइस में 2.35 रुपये और डीजल के रेट में 50 रुपये की बढ़ोत्तरी होने वाली है। वैसे ही अपने शहर के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर लोगों की जेब कटनी शुरू हो गई। आप सोच रहे होंगे कि प्राइस हाइक की घोषणा के बाद बढ़े रेट तो देर रात से लागू हुए थे, तो पब्लिक की जेब शाम से ही कैसे कटने लगी। अरे जनाब, जेब काटने का काम किया अपने शहर के पेट्रोल पंप वालों ने। दरअसल पेट्रोल और डीजल का रेट बढऩे की न्यूज जैसे ही चैनल्स पर फ्लैश हुई वैसे ही पेट्रोल पंप संचालकों ने पंप पर मौजूद पुराने रेट के प्लेन तेल की सप्लाई पूरी तरह से बंद कर दी। प्लेन तेल की सप्लाई बंद होने के बाद पब्लिक को महंगे रेट पर मौजूद ब्रांडेड तेल से ही काम चलाना पड़ा। इसके चलते पेट्रोल पंप वालों ने पुराने रेट के ओल्ड स्टॉक का प्लेन तेल तो बचा लिया लेकिन नहीं बिकने वाला प्रीमियम रेंज का तेल बेचकर डबल मुनाफा कमाया।

ये तो ठीक बात नहीं है

शनिवार की रात पेट्रोल और डीजल का प्राइस बढऩे की न्यूज मिलते ही पब्लिक अपनी व्हेकिल्स का फ्यूल टैंक फुल कराने की चाहत में पेट्रोल पंप की ओर भागी लेकिन जब लोग पेट्रोल पंपों पर पहुंचे तो लोगों का दिमाग खराब हो गया। दिमाग खराब होने की वजह बना पेट्रोल पंपों पर चल रही पंप संचालकों की मनमानी। शहर के लगभग सभी पेट्रोल पंपों पर प्लेन तेल का 'स्टॉक खत्मÓ का बोर्ड लगा हुआ था और पेट्रोल पंप कर्मी पहले से ही महंगा प्रीमियम क्वालिटी का तेल लोगों की गाडिय़ों में डाल रहे थे। इसे लेकर तेल भरवाने पहुंचे लोगों की पेट्रोल पंप कर्मियों से किचकिच भी होती रही लेकिन पेट्रोल पंप कर्मी प्लेन तेल का स्टॉक खत्म होने की बात कहते हुए प्रीमियम क्वॉलिटी का महंगा तेल ही गाडिय़ों में भरते रहे।

कोई नहीं है रोक

दरअसल पेट्रोल पंपों की ये मनमानी सिर्फ इसलिए जारी है क्योंकि इन पर रोक लगाने वाला सप्लाई डिपार्टमेंट अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। इस बारे में हमने सप्लाई डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स से बात करने की कोशिश भी की लेकिन मोबाइल नंबर आउट ऑफ कवरेज एरिया में मिला। वहीं जब इस बारे में पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महामंत्री विनोद सिंह से बात की गई तो उन्होंने इस तरह की मनमानी की बात से ही इनकार कर दिया। उनका कहना था कि पेट्रोल पंप ऐसी गलती नहीं करते। चूंकि उनके पास स्टॉक सीमित होता है। इसलिए पेट्रोल के प्राइस बढऩे के बाद पंप्स पहले पुराने रेट का स्टॉक क्लीयर करते हैं।

पुराने स्टॉक पर ज्यादा कमाई

भले ही पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन पेट्रोल पंपों की इस मनमानी से पल्ला झाड़ रहे हों लेकिन सच तो ये है कि शहर में मौजूद 100 पेट्रोल पंपों में से अधिकतर पंपों पर ये मनमानी चल रही थी। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महामंत्री विनोद सिंह की मानें तो हर पेट्रोल पंप वाला अपना पुराना स्टॉक जल्द से जल्द खत्म करना चाहता है। वो बात अलग है कि कुछ पंप मनमानी करते हैं। इसके पीछे वजह है पुराने रेट पर मौजूद स्टॉक को प्राइस हाइक होने के बाद महंगे रेट पर बेचना। चूंकि पंप पुराने रेट पर तेल परचेज किए होते हैं और उसी का प्राइस बढऩे के बाद महंगे रेट पर बेचते हैं। इससे उनको अच्छा फायदा मिलता है।

हम नहीं बतायेंगे

पेट्रोल पंपों की इस मनमानी के बारे में पड़ताल करने के लिए आई नेक्स्ट संडे को शहर के अलग-अलग पेट्रोल पंपों पर पहुंचा और वहां के स्टॉफ से बातचीत की। लहुराबीर स्थित पेट्रोल पंप के एक स्टॉफ ने नाम न छापने की शर्त पर ये बताया कि शनिवार को जब पेट्रोल का रेट बढऩे की न्यूज आई तो पंप के मैनेजर ने पुराने स्टॉक के सादे तेल की सप्लाई रात बारह बजे तक रोक देने के आदेश दिए। इस बीच पंप पर सिर्फ प्रीमियम रेंज का तेल ही सेल किया गया और सादा तेल लेने आने वालों से प्लेन तेल खत्म होने की बात कही गई। ऐसा ही हाल चौकघाट, अंधरापुल, मैदागिन, कैंट समेत सिगरा और अन्य पेट्रोल पंपों पर भी रहा। वहीं जब इस बारे में सिगरा, महमूरगंज और मैदागिन स्थित पेट्रोल पंप मैनेजर्स से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने ये कहकर टाल दिया कि मैनेजर को बात करने का राइट नहीं है।

- शहर मं मौजूद हैं 100 पेट्रोल पंप्स

- हर पेट्रोल पंप पर एक बार में पेट्रोल का स्टॉक 20 से 25 हजार लीटर और डीजल का स्टॉक 17 से 25 हजार लीटर का रहता है

- शनिवार की रात भी शहर के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर मौजूद था पुराने स्टॉक का लगभग 10 हजार लीटर से ज्यादा तेल

- इसके बाद भी इस स्टॉक को रोककर पंपों ने सप्लाई किया महंगा प्रीमियम तेल

- इसके चलते पब्लिक को पर लीटर तेल की परचेजिंग पर लगी दो रुपये की एक्स्ट्रा चोट

- एक दिन में एक पंप से सेल होता है 2500 से 3000 लीटर पेट्रोल

- एक पंप से डीजल की भी होती है लगभग इतनी ही खपत

- एक दिन में शहर भर के पेट्रोल पंप से बिकता है तीन लाख लीटर पेट्रोल और डीजल

- 100 रुपये का तेल लेने पर अक्सर पंप वाले देते हैं 99.34 रुपये का तेल

- हर बार 100 रुपये का तेल लेने पर लगती है पब्लिक को 64 पैसे की चपत

- ये हाल तब था जब शनिवार की देर शाम सस्ता था सादा तेल

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अगर कोई पंप वाले ऐसी गलती करते हैं तो ये उनकी बेवकूफी है क्योंकि हर पंप वाला चाहता है पुराना स्टॉक जल्द से जल्द क्लीयर हो। फिर भी अगर पब्लिक की ऐसी शिकायत है तो इसकी पड़ताल होगी।

विनोद सिंह, महामंत्री पेट्रेालियम डीलर्स एसोसिएशन

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मेरे साथ शनिवार को पंप पर ऐसा ही हुआ है। पेट्रोल का रेट बढऩे की न्यूज देखने के बाद मैं जब पंप पर तेल लेने पहुंचा तो सिगरा पेट्रोल पंप पर पेट्रोल पंप कर्मी ने सादा पेट्रोल खत्म होने की बात कही और मुझे महंगा प्रीमियम तेल लेना पड़ा।

राजकुमार, सिगरा

पेट्रोल पंप वालों का ये पुराना नाटक है। पिछले दो बार से जब मैं रेट बढऩे की न्यूज देखकर तेल लेने पंप पर पहुंच रहा हूं तो पंप वाले सादा तेल आउट ऑफ स्टॉक बताकर ब्रांडेड तेल दे रहे हैं।

रमेश कुमार, लहुराबीर

पेट्रोल पंपों की मनमानी को कोई रोकने वाला नहीं है। ये लोग हर बार ऐसा ही करते हैं। रेट बढऩे की खबर मिलते ही प्लेन तेल की सप्लाई बंद कर देते हैं और न बिकने वाला प्रीमियम तेल बेचकर पब्लिक को ठगते हैं।

संतोष कुमार, नदेसर