देश के किसी भी अन्य राज्य में एक वर्ष में पेट्रोलियम उत्पादों से होने वाली कर वसूली में इतनी वृद्धि नहीं हुई है। अगर प्रदेश सरकार टैक्स हटा ले तो प्रदेश में पेट्रोल  52.30 रुपये और डीजल 36.82 रुपये लीटर के हिसाब से मिलने लगे।

डीलर कमीशन बढऩे से लखनऊ में पेट्रोल और डीजल के दामों में फिर बढ़ोतरी हो गई है। हालांकि यह इजाफा बहुत मामूली है। मुख्यमंत्री मायावती ने भले ही पेट्रोल व डीजल पर राज्य के कर व शुल्कों को घटाने से मना कर दिया हो, लेकिन आम आदमी से इन उत्पादों पर कर वसूल खजाना भरने में यूपी सबसे आगे है।

बढ़ गई खपत
राज्य में पेट्रोल पर 26.55, डीजल पर 17.23 फीसदी का बिक्री कर और केरोसिन पर 4.04 प्रतिशत का वैट लगाया जाता है। मध्य प्रदेश को छोड़ दें तो अन्य किसी भी राज्य में पेट्रोलियम उत्पादों पर इतना ज्यादा कर नहीं वसूला जाता। यही नहीं राज्य में पेट्रोल व डीजल की खपत भी काफी तेजी से बढ़ी है। केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2009-10 में उत्तर प्रदेश  ने पेट्रोलियम क्षेत्र से 5,791 करोड़ रुपये कर वसूली की था।

मिल सकती है राहत
लखनऊ में पेट्रोल की कीमत इस समय 67.70 रुपए है। इसकी बेस कीमत 52.30 रुपए है इसके ऊपर राज्य सरकार द्वारा 26.55 प्रतिशत वैट वसूला जा रहा है। पहीं की कीमत 43.25 रुपए प्रति लीटर है इसकी बेस कीमत 36.82 रुपये जिसपर 17.23 फीसदी कर वसूला जा रहा है.  विश्व बाजार में कच्चे तेल के दामों में लगी आग का हवाला देकर तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए हैं, लेकिन केंद्र व राज्य सरकार चाहे तो पेट्रोल के मूल दामों पर लगने वाले करों में कमी करके लोगों को राहत दे सकती है. 

पेट्रोलियम उत्पादों से राज्यों की कर वसूली

राज्य--2009/2010--2010/2011

महाराष्ट्र--10127--12366
गुजरात--6630--8410
तमिलनाडु--6020--7661
उत्तर प्रदेश--5791--7414
दिल्ली--1535--1980
बिहार--1535--1766
जम्मू व कश्मीर--453--584
झारखंड--746--1104
उत्तराखंड--483--639
(सभी आंकड़े करोड़ रुपये में)