पेट्रोल पंपों से बरामद हो रहे चिप व रिमोट के बनारस से भी जुड़े तार

-सिगरा में पेट्रोल पंप पर चिप से तेल की चोरी पकड़े जाने के बाद STF हुई एक्टिव

-घटतौली के मास्टरमाइंड की तलाश में हो रही है छापेमारी, दालमंडी में भी नजर

VARANASI

पेट्रोल पंपों पर चिप व रिमोट के जरिए की जा रही घटतौली के मास्टरमाइंड की तलाश बनारस में की जा रही है। सिगरा में गोपीराम श्याम सुंदर पेट्रोल पंप पर चिप मिलने के बाद एसटीएफ अब बनारस में भी एक्टिव हो गई है। बनारस की प्रमुख मंडी माने जाने वाली दालमंडी में भी एसटीएफ की नजर है। जिस तरह लखनऊ में पेट्रोल पंपों से धड़ाधड़ चिप व रिमोट बरामद हो रहे हैं उसके तार बनारस से भी जुड़ रहे हैं। एसटीएफ का मानना है कि एक ही गिरोह है जिसने सूबे भर के लगभग एक हजार पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रानिक चिप का धंधा फैलाया है। एक लीटर पेट्रोल में 60 एमएल तक की चोरी की जा रही थी।

तो इसलिए पकड़ा रहे पंप वाले

डिस्पेंसर मशीन के नोजल में इलेक्ट्रानिक चिप फीट करने वाले मास्टरमाइंड ही उसे निकाल पाएंगे। कोई और दूसरा उसे निकाल नहीं पाएगा, यदि प्रयास भी करेगा तो मशीन आटोमैटिक बंद हो जाएगी। 27 अप्रैल के बाद से लगातार छापेमारी होते ही सब मास्टरमाइंड अंडर ग्राउंड हो गए हैं, यही वजह है कि पंप संचालक उनसे सम्पर्क नहीं साध पा रहे हैं और छापेमारी में पकड़े जा रहे हैं। सिगरा में गोपीराम श्याम सुंदर पेट्रोल पंप पर चिप इस वजह से पकड़ा गया क्योंकि उसे पहले निकालने का काफी प्रयास किया गया था, छेड़छाड़ के दौरान टाइम मशीन बंद हो गई और चिप नहीं निकल सका।

कोड से भी होता है खेल

पेट्रोल पंपों पर लगने वाली चिपें दो तरह से काम करती हैं। एक रिमोट से तो दूसरी कोड से काम करती है। दोनों चिपों के अलग-अलग रेट हैं। रिमोट वाली चिप 40 से 50 हजार रुपये में मिलती है। कोड वाली चिप की कीमत 20 हजार से 30 हजार है। रिमोट वाली चिप पंप के मीटर की पल्स बढ़ा देती है। कस्टमर को पेट्रोल या डीजल देते समय मीटर रीडिंग दस से शुरू होकर बीच के अंक छोड़कर आगे बढ़ती है। कोड वाली चिप में पहले से ही लीटर या रुपये फीड किया जाता है। 10, 20 या 50 लीटर पर या फिर 100, 200, और 500 रुपये फीड किए जाते हैं। अगर इस दौरान कोई डीजल या पेट्रोल डलवाता है तो घटतौली की जा सकती है। चिप में ए, बी, सी कोड है, एक लीटर पर आठ रुपये की चपत लगानी है तो ए कोड सेट किया जाता है, 6 रुपये की चपत के लिए बी कोड और चार रुपये के लिए सी कोड।

दस से पंद्रह लाख की चोरी

इलेक्ट्रॉनिक चिप व रिमोट के जरिए पेट्रोल पंप प्रति लीटर पर 6 से 10 परसेंट तक कम पेट्रोल-डीजल भरते थे। यानि एक लीटर की कीमत चुकाने के बदले में कस्टमर को 6 से 10 परसेंट तक कम पेट्रोल मिलता था। इस प्रकार एक पेट्रोल पंप पर डेली 30-40 हजार रुपए की हेराफेरी के हिसाब से पर मंथ 10 से 15 लाख रुपए का पेट्रोल चोरी किया जा रहा था।

ऐसे रखें नजर

-पेट्रोल लेने से पहले मीटर जीरो रीडिंग के लिए कंफर्म हो जाएं

-मिलावट का संदेह होने पर फिल्टर पेपर परीक्षण की मांग करें

-कैश मेमो लेना न भूलें

-सेवा से संतुष्ट न होने पर 18001800300 पर कम्प्लेन दर्ज कराएं

-नापकर तेल नहीं दिया जाता है तो पंप मैनेजर से कम्प्लेन करें

बनारस में भी चिप के मास्टर माइंड की तलाश की जा रही है। पकड़ में आए एक मास्टरमाइंड ने राज उगला है कि सूबे के एक हजार पेट्रोल पंपों पर चिप लगाया गया है।

डॉ। अरविंद चतुर्वेदी

एसपी, एसटीएफ

डिस्ट्रिक्ट के दो दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपों पर डिलेवरी की जांच की गई। सिर्फ गोपीराम श्याम सुंदर दास पेट्रोल पंप पर चिप मिले हैं। इसकी जांच लखनऊ लैब में की जा रही है। बाकी कहीं चिप की बात सामने नहीं आई।

मुकेश सिंह

सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान

एक मछली ही पूरे तालाब को गंदा करती है। कुछ ऐसा ही हाल है। एक पंप की करतूत से हर पंप पर नजर उठ रही है। घटतौली व मिलावट कहीं नहीं हो रहा है।

विनोद सिंह, अध्यक्ष

वाराणसी पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन

एक नजर

-125 पेट्रोल-डीजल पंप हैं डिस्ट्रिक्ट में

-2000 लीटर पेट्रोल की बिक्री डेली एक पंप पर

-इसी तरह डेली चार से साढ़े चार हजार लीटर डीजल की खपत

-1.5 से 2 लाख रुपये की कमाई होती है रोजाना एक पंप पर।

अदर साइड

BHU पंप पर नहीं मिली गड़बड़ी

इलेक्ट्रानिक चिप व रिमोट की खोज में निकली जिला प्रशासन की टीम ने सोमवार को एसीएम चतुर्थ त्रिभुवन के नेतृत्व में बीएचयू कैंपस स्थित बीपी के पेट्रोल पंप पर छापेमारी की। तीन मशीनों के बीस नोजल को बारी-बारी से टीम ने चेक किया। किसी नोजल में गड़बड़ी नहीं पाई गई। हालांकि छापेमारी को लेकर पंप कर्मियों में अफरा-तफरी का माहौल रहा।