तिहाड़ जेल
देश की राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल काफी अच्छी मानी जाती है। यहां कैदियों को काम के अलावा वॉलीबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, खो-खो, कबड्डी, शतरंज, कैरम जैसे खेल खिलाए जाते हैं। यहां पर खेल फेस्टिवल भी होते हैं। ऐसे में बहुत से कैदी यहां से निकलकर खेल की दुनिया से जीविका चलाते हैं।
राजामुंदरी जेल
आंध्र प्रदेश की राजामुंदरी जेल काफी बड़ी और पुरानी है। यहां पर कैदियों से काम तो लिया ही जाता है लेकिन उनकी खुशियों का भी ख्याल रखा जाता है। यहां पर कैदियों द्वारा लकड़ी का काफी अच्छा सामान बनाया जाता है। इस जेल में एक स्टेडियम बना है, जहां पर कैदी काम के बाद अपने पसंदीदा गेम खेलते हैं।
नैनी जेल
इलाहाबाद की नैनी जेल भी कैदियों को बेहतर तरीके से आत्मनिर्भर बनाने वाली जेलों में से एक है। ब्रिटिश राज के दौरान की इस जेल में सबसे ज़्यादा ऑर्गेनिक खेती होती है। खास बात तो यह है कि यहां पर कैदियों को खेती की आधुनिक विधाओं से भी रूबरू कराया जाता है, जिससे वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।
पुजल जेल
तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित पुजल जेल भी एक अच्छी जेल मानी जाती है। यहां पर कैदियों के रहने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस कॉम्प्लेक्स बना है। कैदियों को काम के अलावा यहां मेडिटेशन हॉल, जिम और योगा की क्लास मिलती है। इसके अलावा पब्लिक म्यूज़िक सिस्टम भी उन्हें यहां पर मिलता है।
येरवाड़ा जेल
पुणे की येरवाड़ा जेल में कैदियों को खेती करने के गुर सिखाए जाते हैं। इसके अलावा येरवडा जेल में एक रेडियो स्टेशन भी बना है। जहां पर म्यूजिक सुनकर कैदी काफी खुश होते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं। ऐसे में साफ है कि यहां कैदियों को काम के अलावा पढ़ाई करने के लिए भी समय मिलता है।
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