- बूंद-बूंद पेट्रोल के लिए तरसती रही पब्लिक

- सड़कों पर छाया रहा सन्नाटा, कंपनी के पंप भी बंद कराए

<- बूंद-बूंद पेट्रोल के लिए तरसती रही पब्लिक

- सड़कों पर छाया रहा सन्नाटा, कंपनी के पंप भी बंद कराए

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: कारण चाहे जो भी हो लेकिन भुगतना हर बार निर्दोष पब्लिक को ही पड़ता है। कुछ ऐसा ही हुआ पेट्रोल पंपों की हड़ताल के दौरान। डीलर्स के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के बाद शहर के पेट्रोल पंपों का बंद होना पब्लिक को अखर गया। अचानक हुई बंदी और जानकारी के अभाव में लोग बूंद-बूंद पेट्रोल के लिए तरसते रहे। जो घर से निकले उन्हें भरी दोपहरी में पेट्रोल के लिए भटकना पड़ा।

अचानक हड़ताल से हुए परेशान

सोरांव और बहरिया के पेट्रोल पंपों पर हुई हत्या और लूट के विरोध में संडे को पेट्रोल पंप बंद हो गए। पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने महज एक दिन पहले ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। इसकी वजह से जानकारी नहीं होने पर जब लोग सुबह घरों से निकलकर पेट्रोल पंपों पर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। कहीं भी पेट्रोल नहीं मिलने से उनका सिर चकरा गया।

जो खुले थे वह भी बंद करा दिए

एसोसिएशन से जुड़े पेट्रोल पंप तो सुबह सात बजे से बंद थे, जो पंप कंपनियों द्वारा सीधे संचालित हो रहे थे उनको भी नहीं चलने दिया गया। पदाधिकारियों ने पहुंचकर इनको भी बंद करा दिया। म्योहाल चौराहे पर स्थित पेट्रोल पंप सुबह एक घंटे जरूर खुला रहा लेकिन बाद में इसे भी दबाव के चलते बंद करना पड़ा। ऐसे में वहां मौजूद पब्लिक ने जमकर नाराजगी जताई।

टैंपो-टैक्सी ठप, नहीं मिले साधन

पेट्रोल और डीजल नहीं मिलने से टैंपो-टैक्सी बंद हो गई। साधन नहीं मिलने से लोगों को लंबी दूरी तक पैदल चलना पड़ा। टैंपो चालक इरफान का कहना था कि सुबह से ईधन नहीं मिला है। ऐसे में गाड़ी खड़ा कर देने में ही भलाई है। रोडवेज बस से लखनऊ से आए बलराम को उस समय बहुत परेशानी हुई जब उन्हें रामबाग जाने के लिए आधे घंटे तक कोई टैंपो नहीं मिला। बाद में उन्हें कई गुना दामों पर रिक्शा करना पड़ा।

बाराती परेशान, ब्लैक में जमकर लूटा

लगन का सीजन होने की वजह से रविवार को शहर में कई शादियां थीं। कई जगहों पर बारात भी उठनी थी और इसको लेकर बाराती जब गाडि़यों में पेट्रोल-डीजल भराने पहुंचे तो उनको शॉक लग गया। अपने दोस्त की शादी में कौशांबी जा रहे निखिल और मयंक ने सिविल लाइंस स्थित पेट्रोल पंप पर स्टाफ से काफी मिन्नतें कीं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। वहीं शहर के कई इलाकों में ब्लैक में खुला पेट्रोल-डीजल बेचने वालों की चांदी रही। उन्होंने डेढ़ से दोगुने दाम वसूलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

- सुबह से पेट्रोल के लिए परेशान हूं। कहीं एक भी टंकी नहीं खुली है। वापस प्रतापगढ़ कैसे जाऊंगा कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

मूलचंद, प्रतापगढ़

- पेट्रोल पंपों की बंदी के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं मिली। आज घर से निकला तो पता चला कि कहीं फ्यूल नहीं मिलेगा। अब दिनभर घर में रहना होगा।

रमेश कुमार, सिविल लाइंस

- आजकल जिसे भी अपनी मांगें मनवानी होती है वह पब्लिक के कंधे का इस्तेमाल करता है। उनकी तो सुन ली जाती है लेकिन बेचारी जनता परेशान होती है।

आनंद, बैरहना

- घर से निकले तो पता चला कि कंपनी के पेट्रोल पंप खुले हैं। यहां आकर पता चला कि उनको भी बंद करा दिया गया है। जरूरी काम से जाना था, अब कैसे जाएंगे।

राजमोहन, म्योराबाद

- शादी में जाने के लिए घर से निकले थे। काफी दूर जाना है और गाड़ी में पेट्रोल नहीं है। सारी तैयारी बेकार हो गई। शाम तक देखता हूं, अगर हड़ताल वापस होती है तो जाएंगे वरना घर पर रहेंगे।

वसीम, करेली

- लोगों की परेशानी देखकर भी पेट्रोल पंप वालों का दिल नहीं पसीज रहा है। सभी को जरूरी काम निपटाने हैं। ऐसे में इतनी जरूरी सर्विस बंद हो गई और जनता मारी-मारी फिर रही है।

अली, चैथमलाइन