-मेक इन इंडिया के पथ पर इंडियन ऑयल की एक ओर सफलता : प्रधान

मथुरा: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धमेंद्र प्रधान ने रविवार को रिफाइनरी में औक्टोमेक्स यूनिट की आधार शिला रखते हुए कहा यह प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान में रिफाइनरी के लिए एक उपहार है। इसे इंडियन ऑयल के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर ने विकसित किया ।

पेट्रोलियम राज्य मंत्री ने बताया कि देश में इंडमेक्स टेक्नोलॉजी के बाद अब मूल्यवान पेट्रोलियम उत्पादों के लिए औक्टोमेक्स टेक्नोलॉजी का कार्यन्वयन मेक इन इंडि़या अभियान के लिए सार्थक पहल है। रिफाइनरी वर्तमान में 80 लाख टन प्रतिवर्ष क्षमता पर कार्यरत है, उसे बढ़ाकर 92 लाख टन तक ले जाना है। इस परियोजना पर 6 हजार करोड़ रुपये की लागत आ रही है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पेट्रोल और डीजल उत्पादन की पहल कर रहा है। उन्होंने बताया कि रिफाइनरी की क्षमता में वृद्धि करने के लिए प्रदेश सरकार से 5 प्रतिशत एंट्री टैक्स हटाने को लेकर बातचीत जारी है। पेट्रोल में 5 प्रतिशत इथेनॉल मिला कर उसे पर्यावरण स्नेही बनाने प्रयास किए जा रहे हैँ। उन्होंने कहा कि इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गन्न किसानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है। इससे पहले उन्होंने रिफाइनरी के पर्यावरण पार्क, ‌र्स्वण जयंती का भी निरीक्षण किया। कार्यक्रम विधायक राजकुमार रावत, निदेशक रिफाइनरीज संजीव सिंह, महाप्रबधक श्रीकांत वैद्य, कार्यपाल निदेशक मानव संसधान अशोक चौधरी, कार्यपालक निदेशक बीपी दास रउपस्थित थे।