-नवागत पीएफ कमिश्नर ने वर्कर के अधिकारों को बताया सर्वोपरि

AGRA। वर्कर के अधिकारों का संरक्षण सर्वोपरि है। इसी के लिए गवर्नमेंट ने पूरा सिस्टम बनाया हुआ है। कोई भी नियोक्ता अगर अपने यहां काम करने वाले वर्कर के क्लेम को लटका कर रखता है, तो उसके अगेंस्ट लीगल एक्शन लिया जाएगा। यह कहना है पीएफ कमिश्नर सेकेंड विश्वजीत सागर का। पीएफ कमिश्नर सागर चार्ज लेने के बाद थर्सडे को प्रेस से बातचीत कर रहे थे।

चार साल तक हो सकती है सजा

पीएफ कमिश्नर मनोज कुमार यादव के ट्रांसफर हो जाने के बाद आगरा आए नवागत पीएफ कमिश्नर विश्वजीत सागर ने संजय प्लेस स्थित ऑफिस में प्रेस से बातचीत के दौरान बताया कि अगर कोई भी नियोक्ता वर्कर को उसका अधिकार प्रदान करने में कायदे-कानून का पालन नहीं करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। पीएफ कमिश्नर सागर ने बताया कि पीएफ स्कीम के पैरा 7ख्(भ्) के प्रोवीजन के अंतर्गत अगर नियोक्ता अपने वर्कर का क्लेम प्रपत्र को प्रमाणित कर पांच दिन के भीतर जमा नहीं करता है, उसके अंगेस्ट अभियोजन चलाया जाता है। जिसमें दोषी साबित होने पर संबंधित नियोक्ता को चार साल की सजा हो सकती है।

डेटा अपलोड के डायरेक्शंस

पीएफ कमिश्नर विश्वजीत सागर ने कहा कि नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के डाटा को अपलोड करने के डायरेक्शंस दिए गए थे। ट्यूजडे तक का टाइम दिया गया है। अगर इस दिन तक डाटा अपलोड नहीं हुआ, तो उनके अंगेस्ट अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।

प्रॉपर काटे फंड

कई कंपनियां अपने वर्कर्स का फंड नहीं काटते हैं। वर्कर्स की संख्या भी प्रॉपर नहीं दिखाते हैं, जबकि ख्0 या उससे अधिक वर्कर होने पर पीएफ काटना जरूरी है। अगर फिर भी कोई अपने प्रतिष्ठान ने वर्कर्स को पीएफ से नहीं जोड़ा है, तो ऐसे नियोक्ता इन्हें पीएफ का मेम्बर बनाकर उन्हें प्रवीडेंट फंड से संबधित लाभ दिलवाएं।