छोटी बचत स्कीम्स पर नजर

समिति ने यह प्रस्ताव तब रखा है जब सरकार और आरबीआई ब्याज दर घटाने की सोच रहे हैं। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो 2010-2011 में मिले 9.5 फीसदी रिर्टन के बाद यह अब तक का सबसे हाई इंटरेस्ट रेट होगा। इसके साथ ही सरकार की नजर अब छोटी बचत स्कीम्स पर भी है। एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का इरादा एनएससी की मौजूदा ब्याज दरों में कटौती करने का भी है, लेकिन अभी इसकी कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो इसमें 50 बेसिस पॉइंटस की कटौती हो सकती है। फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में भी कटौती की जा सकती है।

मध्यम वर्ग को होगा नुकसान

इस कटौती से सबसे ज्यादा नुकसान मध्यम वर्ग को होगा क्योंकि इन स्कीम में सबसे ज्यादा निवेश यही वर्ग करता है। लेकिन सरकार का तर्क है की लोग इसमें निवेश करते रहेंगे क्योंकि फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में इन स्कीमों पर ज्यादा हाई रिटर्न मिलता है। इस नए फैसले का असर महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों कों मिलने वाली सुविधाओं पर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना में शामिल बेटियों पर भी कोई असर नहीं होगा।

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