--राज्य परियोजना निदेशक राजेश्वरी ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को भेजा पत्र

RANCHI (23 Feb): राज्य में सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत सभी 80 हजार पारा शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि से जोड़ा जाएगा। इससे इन्हें सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) का लाभ मिल सकेगा। पारा शिक्षकों की लंबे समय से यह मांग रही थी। राज्य परियोजना निदेशक राजेश्वरी बी ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र भेजकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त कार्यालय से संपर्क कर जिला स्तर पर पारा शिक्षकों का निबंधन कराने का निर्देश दिया है, ताकि इनके मानदेय से कर्मचारी भविष्य निधि की कटौती की जा सके। निदेशक ने इसके अलावा पारा शिक्षकों की अनुपस्थिति विवरणी मुखिया के अलावा उपमुखिया से भी कराने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

अपील का अधिकार

पारा शिक्षकों को दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्रवाई किए जाने के विरुद्ध अपील करने का भी अधिकार मिला है। यदि किसी पारा शिक्षक को यह लगता है कि ग्राम शिक्षा समिति द्वारा दुर्भावना से प्रेरित होकर उसके विरुद्ध कार्रवाई की गई है तो वह अपील कर सकता है। जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को अपीलीय पदाधिकारी बनाया गया है, जो पारा शिक्षकों की शिकायतें सुनेंगे। यदि अपीलीय पदाधिकारी यह निष्कर्ष पर पहुंचेंगे कि उक्त पारा शिक्षक के साथ अन्याय हुआ है तो वे ग्राम शिक्षा समिति द्वारा की गई कार्रवाई को रद कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षकों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा की जाती है। समिति को पारा शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का भी अधिकार है।

समझौते में बनी थी सहमति

पारा शिक्षकों के जीपीएफ कटौती, उपमुखिया से भी उपस्थिति विवरणी के सत्यापन तथा अपील के अधिकार पर सहमति गत वर्ष ख्म् अगस्त को पारा शिक्षकों के साथ हुई वार्ता में बनी थी। इस संबंध में अब आदेश जारी हुआ। झारखंड राज्य सहयोगी शिक्षा मित्र पारा शिक्षक संघ ने इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक के प्रति आभार प्रकट किया है। संघ के विनोद तिवारी, हृषिकेश पाठक, नरोत्तम सिंह मुंडा ने अन्य लंबित मांगों पर भी शीघ्र स्वीकृति की मांग की है। ख्भ् फीसद मानदेय वृद्धि पर बनी सहमति को अभी तक लागू नहीं होने के विरोध में इस संघ ने क्भ् मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना की चेतावनी भी दी है।