छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : कोल्हान यूनिवर्सिटी चाईबासा में एकेडमिक काउंसिल की 17वीं बैठक कुलपति डॉ। शुक्ला माहांती की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई कॉलेजों में विभिन्न विषयों की पीजी पढ़ाई करने से लेकर यूजी में ऑफलाइन एडमिशन पर निर्णय लिये गये। सिंहभूम कॉलेज के चांडिल में इतिहास, ¨हदी, बहरागोड़ा कॉलेज बहरागोड़ा में कॉमर्स, एलबीएसएम में कॉमर्स, वर्कर्स कॉलेज में इतिहास, पोल साइंस और उर्दू में पीजी की पढ़ाई शुरू होगी। ये सारे कॉलेज अपने संसाधन से पीजी की पढ़ाई शुरू कराएंगे। इसके लिए कई छात्र संगठनों ने मांग की थी। इधर, केएस कॉलेज सरायकेला में हो, संथाली और कुड़माली में ऑनर्स की पढ़ाई को भी अनुमति दी गई, लेकिन अपने खर्चे पर। इसके अलावा प्राचार्यो को निर्देश दिया गया है कि वे यूजी में एडमिशन के लिए ऑफलाइन आवेदन लें। बाद में निर्देश मिलने पर चांसलर पोर्टल में अपलोड करेंगे। इसके लिए छात्र-छात्राओं को वेबसाइट से फार्म डाउनलोड करना होगा।

ड्राफ्ट बनाने को दो कमिटी

सिलेबस फॉर बीएससी इन इनवायरमेंट साइंस एंड वाटर मैनेजमेंट, बीएससी इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का ड्राफ्ट बनाने के लिए दो कमेटियों का गठन किया गया। यह कमेटी 15 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। दोनों कमेटी डीन साइंस की अध्यक्षता में कार्य करेगी। इसके अलावा टाटा कॉलेज में एमएससी इन बायोटेक्नोलॉजीकी पढ़ाई प्रारंभ करने की अनुमति नहीं दी गई। बताया गया कि यूजी में इसकी अनुमति नहीं है, इस कारण एमएससी प्रारंभ नहीं किया जा सकता। काउंसिल की बैठक में डॉ। ऑफ फिलोशफी इन मेडिसिन, डेंटल, नर्सिग, बायो मेडिकल साइंसेज के ड्राफ्ट रेगुलेशन को मंजूरी प्रदान की गई।

इन प्रपोजल्स पर भी लगी मुहर

1-शुरू होगा एमए इन एजुकेशन

केयू में एमए इन एजुकेशन प्रारंभ होगा। इसके लिए एकेडमिक काउंसिल की बैठक में ड्राफ्ट सिलेबस को अप्रूव किया गया। एमएड के सीजीपीए और मा‌र्क्स को स्पष्ट किया गया। इसमें अब एमएड का रिजल्ट प्रकाशित हो पाएगा। 75 प्रतिशत डिस्टिंक्शन, 60 प्रतिशत प्रथम श्रेणी, 45 प्रतिशत से ऊपर अंक मिलने पर सेकेंड डिवीजन दिया जाएगा।

2- पीएचडी पर लगी रोक हटेगी

एकेडमिक काउंसिल की बैठक में लिये गए निर्णय के अनुसार, कोल्हान विश्वविद्यालय ने पीजीआरसी के स्थान पर रिसर्च काउंसिल के गणन करने का निर्णय लिया है। इसका गठन यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार होगा। इसके गठन होते ही विश्वविद्यालय द्वारा लगायी गई पीएचडी पर रोक हट जाएगी।

3-सोशल साइंस कैटेगरी में कॉमर्स

एकेडमिक काउंसिल की बैठक में हाई स्कूल में कॉमर्स के ग्रेजुएट सोशल साइंस के शिक्षक प्राइमरी में हो सकते हैं कि नहीं इसपर भी चर्चा की गई। काउंसिल ने कॉमर्स को सोशल साइंस कैटेगरी में रखने पर सहमति जताई।

4-राजयोग एजुकेशन से एमओयू को मंजूरी

राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन माउंटआबू के साथ कोल्हान विश्वविद्यालय के एमओयू को मंजूरी दी गई। इसके तहत नैतिक मूल्य और योगा की पढ़ाई कॉलेजों में होगी।

5-घंटी आधारित शिक्षकों को रेगुलर क्लास

घंटी आधारित शिक्षकों को कम से कम चार घंटा कॉलेज में रहना है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में प्राचार्यो से कहा गया है कि उन्हें नियमित क्लास आवंटित करें। चार घंटा उनलोगों को कम से कम कॉलेज में रहना है।