-एडमिशन कमेटी और एग्जामिनेशन कमेटी में हुए कई अहम फैसले

GORAKHPUR: जिन सब्जेक्ट में टीचर नहीं होंगे, वहां एडमिशन नहीं लिया जाएगा। मतलब अब स्टूडेंट्स के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। यह अहम फैसला ट्यूज्डे को हुई डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी गोरखपुर की एडमिशन कमेटी की बैठक में लिया गया। यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। अशोक कुमार की अगुवाई में हुई बैठक में स्टूडेंट्स के फ्यूचर से जुड़े कई और अहम फैसले लिए गए। साथ ही एग्जामिनेशन कमेटी की बैठक में भी कई फैसले हुए।

अब यूनिवर्सिटी में चलेगी एमए मैथ्स, स्टेटिक्स की क्लास

डीडीयू यूनिवर्सिटी में ट्यूज्डे को एडमिशन कमेटी की बैठक हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि पीजी में आवेदन करने की डेट अब बढ़ कर क्0 जून होगी। जबकि फ् जून को आवेदन करने की लास्ट डेट थी। वहीं यूनिवर्सिटी के साथ किसी भी कॉलेज में एक सब्जेक्ट में म्0 सीट्स पर भी एडमिशन हो सकेगा। जिन कॉलेज में 7 सब्जेक्ट (यूजी) की मान्यता है, वहां ब्ख्0 सीट्स पर एडमिशन ले सकेंगे। साथ ही यूनिवर्सिटी में पहली बार एमए मैथ्स और स्टेटिक्स में भी एडमिशन होंगे।

भ् नहीं दो साल एक्सपीरियंस वाले जांचेंगे कॉपी

यूनिवर्सिटी में हुई एग्जामिनेशन कमेटी की बैठक का मेन मुद्दा उत्तर पुस्तिका की अधिकता रहा। कमेटी में फैसला लिया गया कि अब भ् साल एक्सपीरियंस वालों के साथ दो साल एक्सपीरियंस वाले टीचर भी कॉपी चेक कर सकेंगे। कॉपी चेक करने की अनुमति के लिए सेल्फ फाइनेंस के टीचर को दो साल एक्सपीरियंस का सर्टिफिकेट देना होगा। यह सर्टिफिकेट उनके कॉलेज के प्रिंसिपल देंगे। एक टीचर की मैक्सिमम लीमिट ब्0 हजार होती है। इसके बाद वह कॉपी चेक नहीं कर सकता। ऐसे में अनचेक कॉपी की संख्या काफी अधिक है, जबकि टीचर की कम। यूजी में एक कॉपी चेक करने का क्ख् रुपए और पीजी में क्8 रुपए मिलता है। अभी तक सोश्योलॉजी, पॉलीटिकल साइंस, प्राचीन इतिहास, शिक्षा शास्त्र, होमसाइंस और हिंदी की काफी कॉपी चेक होना बाकी है।