- चयन बोर्ड के चेयरमैन ने अभ्यर्थियों के साथ अन्याय ना होने की कही बात

- चयन बोर्ड की मीटिंग में इतिहास की परीक्षा रद्द करने का हो सकता है फैसला

ALLAHABAD: माध्यमिक शिक्षा परिषद की पीजीटी परीक्षाओं के दौरान इतिहास के पेपर में अर्थशास्त्र के प्रश्न पूछे जाने का मामला तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर बोर्ड बैकफुट पर नजर आ रहा है। यही कारण है कि इस मामले में बोर्ड के चेयरमैन परशुराम पाल से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में भी आया है। वे प्रतियोगी छात्रों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देंगे। परीक्षा को पूरी निष्पक्षता से कराना उनकी पहली प्राथमिकता रही है। इसलिए पीजीटी परीक्षा के दौरान इतिहास विषय के पेपर में आयी गड़बड़ी को देखते हुए न्यायोचित कदम उठाया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मसले पर फाइनल डिसीजन बोर्ड की मीटिंग के दौरान ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड की शीघ्र ही मीटिंग बुलाकर इस मामले में उचित कार्रवाई कराने का निर्णय लिया जाएगा।

चेयरमैन से मिलकर दर्ज कराया विरोध

पीजीटी परीक्षा के दौरान इतिहास के पेपर में इकोनामिक्स के प्रश्न पूछे जाने के मामले में मंडे को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व यूनियन प्रेसिडेंट कुलदीप सिंह के नेतृत्व में छात्रों ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष परशुराम पाल से मुलाकात की। इस दौरान प्रतियोगी छात्रों ने परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र में हुई गड़बड़ी के मामले पर अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने इतिहास विषय की पुन: परीक्षा कराने की मांग की। चेयरमैन से मिलने के बाद प्रतियोगी छात्रों ने बताया कि उन्होंने आश्वासन दिया है कि किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।