नई दिल्ली (पीटीआई)।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने  पीएचडी डिग्री धारकों के लिए एक खुश खबरी का ऐलान किया है। यूजीसी के एक अधिकारी के मुताबिक हाल ही में दुनिया के 500 विश्वविद्यालयों के डॉक्टरेट (पीएचडी) डिग्री धारकों को सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्त करने का फैसला हुआ है। अब इन विदेशी विश्वविद्यालयों से पीएचडी डिग्री पूरी करने वालों का भारतीय विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में चयन सीधी भर्ती के जरिए किया जाएगा।

नियुक्ति साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर होगी
भर्ती के नए नियमों के तहत, टॉप 500 विदेशी यूनिवर्सिटी की पहचान चार विश्व प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी रैंकिंग सिस्टम के आधार पर की जाएगी, यह हैं क्वाकक्वोरली साइमंड्स, टाइम्स हायर एजूकेशन रैंकिंग व शंघाई जियाओ तोंग यूनिवर्सिटी की एकेडमिक रैंकिंग ऑफ वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज। इसमें कला, वाणिज्य, मानविकी, शिक्षा, विधि, समाज विज्ञान, विज्ञान, भाषा, पुस्तकालय विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और पत्रकारिता एवं जनसंचार के पीएचडी डिग्री धारक ही शामिल होंगे खास बात तो यह अब इनकी नियुक्ति साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर होगी।

मास्टर डिग्री में न्यूनतम अंक की बाध्यता खत्म

इससे पहले भारतीय विश्वविद्यालय से संबंधित विषय की मास्टर डिग्री में या मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालय से समकक्ष डिग्री में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक होना जरूरी होता था। इसके अलावा यूजीसी या सीएसआईआर की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) या स्लेट, सेट आदि पास करना जरूरी हाेता था। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय पीएचडी धारकों के लिए मास्टर डिग्री में न्यूनतम अंक की बाध्यता को खत्म हुई है। वहीं संबंधित विषय में न्यूनतम अंकों के साथ मास्टर डिग्री के साथ ही भारतीय विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने वाले अभ्यर्थी भी सीधी भर्ती के पात्र हैं।

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