प्रेस कांफ्रेंस में इविवि में फिलॉसफी के एचओडी का पत्र किया पेश

कहा रेगुलर को हटाकर रिटायर्ड टीचर्स को कर लिया शामिल

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े डिग्री कॉलेजेस में बगैर रिटेन एग्जाम के डायरेक्ट इंटरव्यू के जरिए असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की जा रही। इंटरव्यू के जरिए कैसे-कैसे अभ्यर्थियों का किस प्रॉसेस के तहत चयन किया जा रहा है। इसका खुलासा एचओडी के पत्र से हो रहा है। यह पत्र सीएमपी डिग्री कॉलेज शाषी निकाय के सदस्यों ने गुरुवार को प्रेस क्लब में बुलाई गई पत्रकार वार्ता में पत्रकारों के सामने पेश किया।

ऑर्डिनेंस का दिया है हवाला

इविवि में फिलॉसफी डिपार्टमेंट के हेड डॉ। ऋषिकांत पांडेय की ओर से सीएमपी पीजी कॉलेज में शिक्षक भर्ती का लिफाफा खुलने से पूर्व कुलपति को भेजे गए पत्र में 06 नवम्बर को डिपार्टमेंट कमेटी की मीटिंग का हवाला देते हुए कहा गया है कि विवि और कॉलेजेस की सेलेक्शन कमेटी में वीसी द्वारा नॉमिनेटेड रेगुलर प्रोफेसर-रीडर ही होने चाहिए। इसके लिए विवि आर्डिनेंस 2008, प्वाइंट 3, सेक्शन सी, सब सेक्शन थ्री, पेज 171 का अवलोकन करने को कहा गया है। कहा है कि फिलॉसफी सब्जेक्ट के लिए होने जा रहे अप्वॉइंटमेंट में इसका अनुपालन नहीं किया गया। अपील की गई है कि सेलेक्शन प्रॉसेस को क्वैश किया जाए। इस अपील को प्रो। जटाशंकर, प्रो। एचएस उपाध्याय और प्रो। देबाशीष गुहा का नाम अंकित करते हुये अग्रसारित किया गया है।

रिटायर्ड टीचर्स पीएचडी भी नहीं करा सकते

पत्रकार वार्ता में सीएमपी डिग्री कॉलेज शाषी निकाय के सदस्य एडवोकेट दिलीप श्रीवास्तव एवं एडवोकेट आरके सिन्हा ने कहा कि फिलॉसफी और हिस्ट्री सब्जेक्ट की भर्ती में रेगुलर टीचर्स को न बुलाकर सेलेक्शन के लिए रिटायर्ड टीचर्स को कॉल किया गया। जबकि हाल ही में एयू की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने डिसीजन दिया है कि रिटायर्ड टीचर्स पीएचडी नहीं करा सकते और न ही डिपार्टमेंट की किसी गतिविधि का हिस्सा हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें सेलेक्शन कमेटी का हिस्सा बनाना हास्यास्पद है।

कैंसर इंस्टीट्यूट के अभ्यर्थी को भी छांटा

पत्रकार वार्ता में शाषी निकाय के दोनों सदस्यों ने प्रिंसिपल डॉ। आनन्द की सेवा को रिटायरमेंट के बाद भी पांच साल के लिये विस्तार देने को नियम विरुद्ध करार दिया। कहा कि 28 अक्टूबर को विवि में एक्जक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग के तुरंत बाद 29 अक्टूबर से इंटरव्यू शुरू होना और प्रिंसिपल के रिटायरमेंट के ठीक एक दिन पहले लिफाफा खोला जाना ही मंशा को स्पष्ट कर देता है। आरके सिन्हा ने कहा कि डायरेक्ट इंटरव्यू के जरिए हो रही भर्ती की कोई वीडियोग्राफी तक नहीं करवाई गई। बताया कि कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ बॉम्बे के अभ्यर्थी भी छांट दिए गए। एक हाइली एजुकेटेड महिला अभ्यर्थी को भी सेलेक्शन से बाहर कर दिया गया।