तूफान एक बार फिर शहर से देहात तक तबाही का मंजर छोड़ गया. सबसे अधिक नुकसान ग्रामीण क्षेत्रों में हुआ. 46 लोगों की मौत हो गई. इनमें से सिर्फ खेरागढ़ में ही 17 लोगों की जिंदगी को तूफान ने निगल लिया.
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. पोस्टमार्टम हाउस पर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा थे. गुरुवार को अधिकारी हालातों का जायजा लेने क्षेत्रों में निकले.
सभी जगह मचा हाहाकारबुधवार रात साढ़े सात बजे तेज हवा चलना शुरू हुई. कुछ ही देर में आंधी ने तूफान का रूप ले लिया. बौछार के साथ तूफान ने जिले को हिला कर रख दिया. इस दौरान विभिन्न एरिया में कई मकानों की दीवारें गिरीं. टीन शेड उड़ गए. हाईटेंशन के टॉवर हवा से कागज की तरह मुड़ कर जमीन पर आ गए. जगह-जगह दीवार गिरने से कई लोगों की मौत हो गई.
नौ घंटे में २४ पोस्टमार्टम प्रकृति के प्रकोप में मरने वालों की संख्या का 46 तक पहुंच गया. मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक पोस्टमार्टम हाउस पर शव आते रहे. तूफान के बाद के नौ घंटे में 24 शवों का पोस्टमार्टम किया जा चुका था. कोहराम मचा हुआ था. मौके पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि भी लोगों का हाल जानने पहुंचे.
एक ही परिवार में तीन बच्चों की मौतथाना सैंया के कुकावर में दीवार गिरने से एक ही परिवार के 10 वर्षीय अंकित, आठ वर्षीय हनी, पांच वर्षीय तनु पुत्री राजवीर की जान चली गई जबकि एक वर्षीय अनंत पुत्र प्रेमपाल की भी मौत हो गई.
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
तूफान ने ली 46 लोगों की जान
बेटी की मौत, मां का हाथ टूटाखेरागढ़ निवासी सूरजमुखी पत्नी पोखन सिंह के घर का टीन शेड नीचे आ गया. इस हादसे में सूरजमुखी की चार साल की बेटी जाहन्वी की मौत हो गई जबकि उसके हाथ में फ्रैक्चर हो गया, चेहरे पर भी चोट आई है.