RANCHI: अगर एक्सीडेंट के बाद इंज्यूरी होने पर घायल को हास्पिटल पहुंचाया जाता है तो उसे डिजेबिलिटी होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में अगर तत्काल उसे फिजियोथेरेपी दी जाए तो बॉडी के पा‌र्ट्स को ज्यादा नुकसान होने से बचाया जा सकता है। इटली से आइएपी के कांफ्रेंस में शामिल होने आए डॉ। राबर्ट ने ये बाते कहीं। वहीं डॉ। संजय ने अपना रिसर्च पेपर प्रेजेंट करते हुए बताया कि दिमाग और नस से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में फिजियोथेरेपी की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा कई अन्य फिजियोथेरेपिस्ट ने अपने रिसर्च पेपर देशभर से आए एक्सप‌र्ट्स के सामने पेश किए। साथ ही फिजियोथेरेपी से इलाज को और बेहतर बनाने को लेकर सुझाव भी दिए।

हार्ट सर्जरी के बाद भी फिजियोथेरेपी

मेदांता के डॉ। संजय ने अपना प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि हार्ट की सर्जरी के बाद कई मसल्स स्टेबल हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है, ताकि बाडी पा‌र्ट्स में मूवमेंट हो। चूंकि सर्जरी के बाद बॉडी की मूवमेंट भी कुछ दिनों के लिए बंद हो जाती है।

हिट थेरेपी से डायबिटीज कंट्रोल

आइएपी-सीपी नायर अवार्ड टेक्सास, अमेरिका से आए डॉक्टर को दिया गया। उन्होंने कोरोनरी आर्टरी डिजीज पर रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि सरकार इलाज पर जितना खर्च करती है अगर उस फंड को बचाव में खर्च करे तो मरीज भी फिट रहेगा और सरकार का मकसद भी पूरा हो जाएगा। वहीं हिट थेरेपी से डायबिटीज को भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही आइएपी का ओरेशन अवार्ड डॉ.अजीत डोभालकर को दिया गया। उन्होंने बताया कि चेस्ट फिजियोथेरेपी से मसल पावर को मेंटेन करने में मदद मिलती है। साथ ही कफ को निकालने में भी मददगार होता है।

एक फिजियोथेरेपिस्ट गोद लेंगे तीन गांव

कांफ्रेंस के दौरान शनिवार को ही आइएपी की एनुअल जेनरल मीटिंग भी हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि आइएपी के ब्भ् हजार मेंबर्स हैं। अगर एक-एक मेंबर तीन-तीन गांवों को गोद ले लें तो लोगों को बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। एग्जीक्यूटिव मेंबर डॉ। अंजनी कुमार ने बताया कि हमारा थीम है फिट फॉर ऑल। ऐसे में गांव को अडाप्ट करने की हमारी योजना बिल्कुल फिट है।