RANCHI: सदर हॉस्पिटल में भी हीमोफीलिया के मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है। जहां मरीजों के लिए डे केयर सेंटर भी बनाया गया है। इसमें दिनभर में मरीज इलाज कराकर घर जा सकेंगे। इतना ही नहीं, फैक्टर के अलावा हीमोफीलिया के मरीजों की फिजियोथेरेपी भी की जाएगी, जिससे उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग के कारण होने वाले दर्द से राहत मिलेगी।

दर्द से होगी राहत

चोट लगने पर हीमोफीलिया के मरीजों को इंटरनल ब्लीडिंग होती है। ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए फैक्टर चढ़ाया जाता है। इससे ब्लीडिंग को रोक दिया जाता है। लेकिन इस ब्लीडिंग के कारण मरीजों को काफी दर्द होता है। जिससे कि वे दर्द में न कोई दवा ले सकते हैं और न कोई इंजेक्शन। ऐसे में फिजियोथेरेपी की मदद से उनका दर्द दूर होगा।

डे केयर सेंटर में हो रहा इलाज

सुपरस्पेशियलिटी सदर हॉस्पिटल के फ‌र्स्ट फ्लोर में हीमोफीलिया डे केयर सेंटर की शुरुआत की गई है। इसमें मरीजों के लिए आठ बेड लगाए गए हैं। इस सेंटर में हीमोफीलिया के मरीजों को जरूरी फैक्टर लगाए जाते हैं। इसके बाद मरीज दिनभर में इलाज कराकर लौट जाते हैं। अगर किसी मरीज की स्थिति ठीक नहीं होती है तो उसे वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाता है। चूंकि डे केयर के स्टाफ शाम को हॉस्पिटल में नहीं रहते। इससे मरीजों को परेशानी हो सकती है।

वर्जन

पहले से ही हम मरीजों को फिजियोथेरेपी दे रहे हैं। अब हीमोफीलिया के मरीजों को भी हमें देखना है। चूंकि उन्हें फिजियोथेरेपी भी कुछ अलग ढंग से देनी है। हम हीमोफीलिया के मरीजों का भी ट्रीटमेंट बेहतर ढंग से करेंगे और मरीजों को इसका फायदा भी मिलेगा।

डॉ। अभय कुमार पांडेय, फिजियोथेरेपिस्ट, सदर हॉस्पिटल