डीएम व एसएसपी ने आठ तारीखों पर नहीं दी जानकारी, कोर्ट सख्त

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद लखनऊ राजमार्ग निंदूरा गांव की भूमिधरी पर नगर पंचायत लाल गोपालगंज के चेयरमैन मुख्तार अहमद द्वारा अवैध कब्जा कर प्लाटिंग करने के मामले में जवाब न देने पर सख्त रुख अनाया है। कोर्ट ने इलाहाबाद के जिलाधिकारी एवं एसएसपी को मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराने की दशा में 19 मार्च को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अवैध कब्जे के संबंध में कोई कार्यवाही न करने की शिकायत पर दोनों अधिकारियों से जानकारी मांगी गई थी। किन्तु आठ तिथियां बीत जाने के बाद भी कोई जानकारी जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गई।

यह आदेश न्यायमूर्ति वीके नारायण तथा न्यायमूर्ति इर्शाद अली की खंडपीठ ने वीरेंद्र कुमार अग्रवाल की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता मो। इफ्तखार ने बहस की। इनका कहना है कि याची की भूमिधरी जमीन पर नगर पंचायत अध्यक्ष ने दबंगई से अवैध कब्जा कर लिया है और प्लाटिंग कर रहे हैं। नवाबगंज थाने से लेकर जिलाधिकारी व एसएसपी से भी शिकायत की गई। फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। विपक्षी उसे धमका रहे हैं। कोर्ट ने याचिका पर सरकारी वकील से जानकारी मांगी थी, किन्तु कई तारीखों के बाद भी इलाहाबाद जिलाधिकारी द्वारा जानकारी न देने पर कोर्ट ने नाराजकी व्यक्त की है।

सहायक अध्यापकों के खाली पदों को भरने पर निर्णय का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती मामले में 66655 नियुक्तियों के बाद शेष 1536 पदों को भरने की मांग अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को छह हफ्ते में याचियों के प्रत्यावेदन निर्णीत करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने अरविंद कुमा रमिश्र एवं 100 अन्य याचियों की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची अधिपवक्ता ऋषभ कुमार का कहना था कि प्राइमरी स्कूलों में टीईटी पास अभ्यर्थियों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। शिव कुमार पाठक केस में सुप्रीम कोर्ट ने सभी योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है, किन्तु सरकार नियुक्तियां न कर 1536 पद खाली रखे हुए है। याचीगण ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश को छह मार्च 2018 को प्रत्यावेदन दिया है। किन्तु उस पर विचार नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार की तरफ से प्रत्यावेदन निर्णीत करने के निर्देश देने पर आपत्ति नहीं की। इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव को निर्णय लेने का आदेश दिया है।