राज्य सरकार, आयोग व अध्यक्ष से जवाब तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा सेवा आयोग इलाहाबाद के चेयरमैन एलबी पांडेय को काम करने से रोकने तथा इनकी नियुक्ति की वैधता के खिलाफ जनहित याचिका पर उप्र सरकार, आयोग व चेयरमैन से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।

चीफ जस्टिस की बेंच का फैसला

यह आदेश चीफ जस्टिय डीवाई चंद्रचूड़ व जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने रूरल एण्ड अर्बन डेवलपमेंट एसोसिएशन की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि उप्र उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 1980 की धारा 4(2)(बी) के तहत अध्यक्ष पद पर आईएएस या सचिव रैंक के अधिकारी की ही नियुक्ति की जा सकती है। पांडेय सचिव रैंक के अधिकारी नहीं थे। ऐसे में यह नियुक्ति कानून के खिलाफ है।

तीन सप्ताह का मौका

आयोग की तरफ से एमसी चतुर्वेदी, अध्यक्ष की तरफ से आरके ओझा व प्रदेश सरकार की तरफ से स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने प्रतिवाद किया। उनका कहना था कि पांडेय आईएएस अधिकारी थे। सचिव पद का सुपर टाइम पे स्केल उन्हें मिला था। यह सचिव रैंक के अधिकारी हैं। यह नियुक्ति नियमानुसार की गई है। कोर्ट ने याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर राज्य सरकार आयोग व अध्यक्ष से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।