दुनिया में सबसे आसान है औरतों का कैरेक्टर असैसिनेशन. हमारी सोसाइटी में तो जैसे इसकी सोशल परमीशन मिली है. हैरानी तब होती है जब ऐसा सोचने वालों में वे लोग भी शामिल होते हैं जिनसे आप इसकी उम्मीद नहीं कर सकते.

दिल्ली में रहने और मीडिया में काम करने के दौरान ऐसी कई मिसालों से वाकिफ थी. वैलेंटाइन डे के करीब मंगलोर के पब में गई लड़कियों की जिस तरीके से बेइज्जती की गई उसके बहाने अर्बन वुमन को घटिया बहसों के जरिए डिफाइन किया जाने लगा. हम गुस्से में आ गए, लेकिन रिवॉल्यूशन भी इतना आसान नहीं.

सबसे ट्रैजिक सोच ये है कि हम चाहते हैं क्रांति हो लेकिन पड़ोसी के घर में हो. हमारे फ्रेंड्स ग्रुप ने फेसबुक पर इस मुद्दे पर पहले मजाक करना शुरू किया कि प्रमोद (श्रीराम सेना का लीडर जिसकी लीडरशिप में पब में लड़कियों को पीटा गया) को पिंक चड्ढी भेजी जाए. हमने ग्रुप फॉर्म कर आपस में जोक की शुरूआत की. हैरानी हुई कि पंद्रह मिनट के अंदर कम से कम एक दर्जन औरतें साथ हो गईं.

What a joke! Can this be a right movement! Can this be a tit for tat answer for them! Can we show them the mirror!

सवाल! सवाल! सवाल! डाइलेमा! डाइलेमा! डाइलेमा!

यकीन करें एक नजदीकी ने कहा-फॉरवर्ड और लूज अर्बन वुमन क्या जाने हकीकत. मगर सपोर्ट बढ़ा. पहले दिन 1000, एक हफ्ते बाद 50,000 और नंबर लगातार बढ़ते ही चले गए.

दिल्ली से 70 साल की लेडी ने पैंटी भेजी. बिहार के पिछड़े पाट्र्स से भी सपोर्ट मिला. अमूल ने पूरे इंडिया में हमारे मूवमेंट का बोर्ड लगाया. बॉलीवुड में इसे लेकर गाने बनाए गए...

उधर श्रीराम सेना के आफिस में 10,000 से अधिक पिंक चड्ढी पहुंच चुकी थीं. इसी बीच फेसबुक पर मिल रहे सपोर्ट को डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई... लेकिन यहां तक आते-आते आवाज बाहर की दुनिया में सुनी जा चुकी थी.

मूवमेंट के कुछ दिन बाद उज्जैन से खबर आयी थी-कुछ सोशल पुलिस के ठेकेदारों ने संदेह होने पर एक लडक़ा-लडक़ी को बुरी तरह पीट दिया था, जबकि वह सिबलिंग थे.

मैसेज साफ है-शुरुआत तो कहीं से होनी चाहिए.....मगर रास्ता अभी लम्बा है.

पिंक चड्ढी कैंपेन

मीडिया प्रोफेशनल निशा सोशल पुलिसिंग के खिलाफ बोल्ड और एग्रेसिव कैम्पेन, पिंक चड्ढी की शुरुआत करके खुद न्यूज में आ गईं. इसमें श्रीराम सेना को सिंबल के तौर पर पिंक चड्ढी भेजने की अपील की जिसे बेशुमार सक्सेस मिली.

 

From: Nisha Susan

Date: Sat, Apr 11, 2009

 

Subject: Pink Chaddi vandalised and taken over

 

Dear All,

      Some of you know that the Pink Chaddi facebook group has been hacked over and over again over the last month. We have written to FB about the violent messages, the defacing and the threats. Despite all the security measures the hacks have continued. Facebook has essentially fobbed us off with some form mail. As of this evening my account has been disabled. The trolls have taken over. Rather specific *grin* and anatomically correct messages have been left for me on the group. I can’t get in to see what is happening but friends report that members are being deleted off the group.

FB continues to stay silent. As my friend says, the first rule of Facebook activism seems to be don’t use Facebook.

Oh by the way the trolls have renamed the group ‘A good bong is a dead bong’. Over the month their choices have been Nathuram Godse Appreciation Society, Dara Singh Appreciation group and other as I said, anatomically               specific ones.

Just wanted to let you know that this is what is happening. I am lobbying online and would     appreciate it if you spread the word.

Thanks,

Nisha

(फेसबुक और ई-मेल आकउंट हैक होने के बाद निशा का लिखा हुआ लेटर)