खुद को भगवान के एजेंट बता रहे मैसेंजर

- मेले में तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के जरिए दुख दूर करने का दे रहे दिलासा

- सोशल मीडिया पर ऑडियो और वीडियो के जरिए भी फैलाया जा रहा अंधविश्वास

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खुद को भगवान के एजेंट बता रहे मैसेंजर

- मेले में तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के जरिए दुख दूर करने का दे रहे दिलासा

- सोशल मीडिया पर ऑडियो और वीडियो के जरिए भी फैलाया जा रहा अंधविश्वास

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: जो लोग खुद को भगवान का मैसेंजर बताकर आपके दुखों को दूर करने का दावा करते हैं। ऐसे लोगों से होशियार रहिए। यकीन मानिए भगवान को संदेशवाहक रखने की कोई जरूरत नहीं है। भगवान ने किसी को अपनी ओर से दूसरों के दुखों को दूर करने का कांट्रेक्ट नहीं दिया है। भक्तों की पुकार सुनकर वह खुद सहायता करना शुरू कर देते हैं। ईश्वर को किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं है। आज आपका पीके ऐसे ही अंधविश्वास का आडंबर फैलाने वालों से आपको आगाह कर रहा है।

मेले में बिचौलियों ने लगाई दुकानें

माघ मेले के कई रंग हैं। एक ओर कुछ लोग मेले के माध्यम से दुखी और असहाय लोगों की सहायता कर रहे हैं तो दूसरी ओर ढोंगी अपनी दुकान सजाकर बैठ गए हैं। इनमें से कोई तंत्र-मंत्र से जीवन को संवारने का दावा कर रहा है तो कोई बड़ी से बड़ी बीमारी के शर्तिया इलाज का वादा कर रहा है। कांटे वाले बाबा, बर्फ वाले बाबा तो कोई भभूत वाले बाबा है। इन सभी का उद्देश्य अपने करतब के जरिए पब्लिक की सहानुभूति और धन बटोरना है।

आपको धनवान बनाने का हिट फंडा

टीवी और समाचार पत्रों में धनवान बनने के लिए यंत्र या लॉकेट खरीदने का विज्ञापन तो बहुत देखा होगा। इसके उलट मेले में दर्जनों की संख्या में लगी रत्‍‌नों की दुकानों में कुबेर और लक्ष्मी यंत्र की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इनको खरीदने से आप धन-संपदा से परिपूर्ण हो जाएंगे। शनिवार को मेले पहुंचे पीके ने जब एक दुकानदार से पूछा कि इस यंत्र से आप क्यों अमीर नहीं हो जाते। आपको भी तो पैसे की जरूरत है। वरना, दुकान लगाकर मेले में क्यों बैठे हैं। इस बात का जवाब दुकानदार के पास नहीं था। उसने कहा कि यह यंत्र आपको काफी कम दाम में उपलब्ध करा दिया जाएगा।

अब तो वीडियो से रही ब्लैक मेलिंग

मैसेज से आगे निकलकर अब सोशल मीडिया में वीडियो और ऑडियो के जरिए अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। वीडियो में भगवान की फोटो की स्लाइड बनाकर पीछे से वाइस ओवर के जरिए व्हाट्सएप यूजर्स को ब्लैकमेल किया जा रहा है। सीधे तौर पर इस मैसेज को फारवर्ड करने को कहा जाता है। ऐसा नहीं करने पर नुकसान होने की चेतावनी दी जाती है।

पब्लिक क्या कहती है

यह अंधविश्वास तो ही है। अब क्या व्हाट्सएप के मैसेज हमारे भाग्य का फैसला करेंगे। यह टोटली अंधविश्वास ही है। मैं आई नेक्स्ट की इस मुहिम का सपोर्ट करता हूं।

सौरभ श्रीवास्तव

मेरे पास रोजाना इस तरह के दस से बारह मैसेज आ जाते हैं। मैं उन्हें तत्काल डिलीट कर देता हूं।

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हां यह पूरी तरह से अंधविश्वास है। हम जानते हैं कि इस मैसेज के फारवर्ड नहंी करने से हमारा कुछ नहीं होगा। फिर भी हम इसे दूसरे को भेज देते हैं, आखिर मैसेज फ्री होते हैं।

रिचा

परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस तरह का मैसेज कभी किसी को नुकसान नहीं पहुचाता है। भगवान ने जब भी इस धरती पर राम और कृष्ण के रूप में अवतार लिया लेकिन कभी खुद को भगवान नहीं बताया। फिर पर्चे छपवाकर या व्हाट्सएप पर मैसेज करके लोगों को क्यों बताना चाहेंगे।

रंजय विश्वकर्मा

अजीब रिवाज निकाला है आजकल। ये मैसेज भेजो तो मुरादें पूरी होंगी। नहीं भेजा तो रातभर में बदकिस्तम हो जाओगे। मां के लिए, पिता के लिए मैसेज भेजो। ऐसे मैसेज को भेजने के बजाय डिलीट करो, तभी मन को शांति मिलेगी।

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जी हां ये बिल्कुल अंधविश्वास है। लोगों के डर से फायदा उठाकर ये अपने उल्लू सीधा कर लेते हैं।

मुदित श्रीवास्तव

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सोशल मीडिया में भी भगवान के नाम पर खेल चल रहा है जस्ट लाइक या जस्ट फारवर्ड की बातें की जाती हैं। बहुत से लोग न चाहते हुए भी मजबूरी में ऐसे मैसेज लाइक या फारवर्ड कर देते हैं। मेरा कहना है कि भगवान आपके कर्म में हैं। अगर ईमानदारी से कर्म करिए तो आडंबर में पड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

भारतेंद्र त्रिपाठी