अभियान- पीके खड़ा बाजार में

- सोशल मीडिया पर भी फल-फूल रहा है अंधविश्वास और डर का बिजनेस

- यूजर्स को इमोशनल ब्लैकमेल करके मैसेज कराया जाता है फारवर्ड

<अभियान- पीके खड़ा बाजार में

- सोशल मीडिया पर भी फल-फूल रहा है अंधविश्वास और डर का बिजनेस

- यूजर्स को इमोशनल ब्लैकमेल करके मैसेज कराया जाता है फारवर्ड

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बहुत ज्यादा इरीटेट होने की जरूरत नहीं है। अगर आपके मोबाइल पर कोई ईश्वर से जुड़ा मैसेज भेजकर इसे फारवर्ड करने को कहता है तो इसे बिना हिचकिचाए डिलीट कर दें। भरोसा करिए, आपका जरा भी नुकसान नहीं होगा। क्योंकि, ईश्वर को आपके व्हाट्सएप की जरूरत नहीं है। उनका मैसेज सीधे दिल से फारवर्ड होता है। दरअसल, पीके को एक बात नहीं समझ आई कि लोग अंधविश्वास और डर का बिजनेस चलाने के लिए लोगों को धमकी क्यों दे रहे हैं। आखिर क्यों व्हाट्सएप पर ऐसे धार्मिक धमकी भरे मैसेज फारवर्ड किए जा रहे हैं।

दिनभर आते हैं ऐसे मैसेजेस

सोशल मीडिया में व्हाट्सएप को इंट्रोड्यूस हुए ज्यादा समय नहीं हुआ लेकिन यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसको देखते हुए भगवान के नाम पर डर और अंधविश्वास का बिजनेस करने वालों ने इस अप्लीकेशन को निशाने पर ले लिया है। वह दिनभर ईश्वर से रिलेटेड मैसेज भेजकर उसे आठ, ग्यारह या इक्कीस लोगों को फारवर्ड करने की अपील करते हैं। इसमें एक इमोशनल कहानी भी होती है। यह भी बताया जाता है कि फारवर्ड करने के बाद एक अच्छी न्यूज मिलेगी और फारवर्ड नहीं किया तो नुकसान हो जाएगा। लोग इस झांसे में आकर ऐसे मैसेजेस को फटाफट आगे भेज देते हैं।

दिन के हिसाब से बन गए शेड्यूल

पीके ने देखा कि ऐसे मैसेज भेजने वाले तो बड़े स्मार्ट होते जा रहे हैं। पहले वह अधाधुंध कभी भी किसी भी भगवान के नाम से इमोशनल ब्लैकमेल करते थे, लेकिन अब उन्होंने दिन के हिसाब से शेड्यूल बना लिया है। अगर शनिवार है तो भगवान शनि की कृपा, गुरुवार है तो भगवान साई और गुरुवार को भगवान बजरंगबली के नाम से मैसेज भेजने शुरू कर दिए जाते हैं। अपनी लैंग्वेज को लेकर ये इतनी तेजी से फारवर्ड होते हैं पूछिए ही मत। और तो और, ऐसे मैसेज को फारवर्ड करने क लिए वीडियो का भी सहारा लिया जा रहा है।

बहुत पुराना है ये तरीका

लोगों को धर्म और ईश्वर के नाम पर डराने का यह तरीका काफी पुराना है। कई साल पहले पर्चे छपवाकर बटवाए जाते थे। इन पर लिखा होता था कि क्क् हजार परचे छपवाकर बांटने से आपको लाभ होगा। नहीं तो हो जाएगा। इसके बाद फेसबुक और मोबाइल मैसेज के जरिए लोगों को बहकाने की कोशिश की जाती रही। अब सीधे व्हाट्सएप यूजर्स की विशाल संख्या को देखते हुए इसका सहारा लिया जा रहा है। पब्लिक भी इनके झांसे में आती नजर आ रही है। पीके ने देखा कि ऐसे मैसेज आने के बाद यूजर्स इरीटेट होते हैं और तुरंत फारवर्ड कर देते हैं।

जानिए, आपके जरिए हो रही करोड़ों की कमाई

सोशल मीडिया पर ऐसे मैसेज कहां से जनरेट होते हैं, कभी सोचा है। किस यूजर के पास इतना टाइम है कि वह ऐसे मैसेज बनाकर दूसरों को फारवर्ड करे। जी हां, सही सोचा। ऐसे मैसेजेस को यूजर्स के जरिए डिफरेंट ग्रुप में फारवर्ड कराकर इंटरनेट डाटा का भारी मात्रा में इस्तेमाल करवाया जाता है। लाखों-करोड़ों यूजर्स द्वारा ऐसा करने से मोबाइल कंपनियों को बड़ा फायदा होता है। नॉर्मली यूजर्स मैसेजेस डिलीट न कर दें, इसलिए उन्हें ईश्वर के नाम पर डरवाया जाता है। कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे हैं मैसेजेस के बड़े रैकेट का यह भी एक पार्ट है। जिससे पब्लिक जानबूझकर अनजान बनी हुई है।

पीके का सवाल

क्या भगवान को आपके सोशल मीडिया की जरूरत है। उनके पास प्रसिद्धी पाने का क्या यही जरिया रह गया है? अगर मैसेज फारवर्ड नहीं करेंगे तो क्या वह आपका नुकसान कर सकते हैं? भगवान तो ऐसे नहीं है? फिर पब्लिक उनके नाम से ऐसे मैसेज भेजकर फैसला करने वाली कौन होती है?