-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में बढ़े बुखार के मरीज

-सीएचसी और पीएचसी पर पहुंचे सीएमओ, मरीजों से जाना हालचाल

वेडनसडे फैक्टस एंड फिगर्स

04-टीम ने लगाए कैंप

75-गांव में किए गए कैंप

7393-रोगियों को दी गई दवा

7167-रोगियों की आरडीटी किट से की गई जांच

763-पीवी पॉजिटिव मिले

534-पीएफ पॉजिटिव मिले

13-गांव में की गई फागिंग

अब तक का फैक्ट एंड फिगर

1,20,861-टोटल मरीज देखे गए

97,647-मरीजों को आरडीटी किट से जांच की गई

13,091-पीवी पॉजिटिव मिले

6632-पीएफ के मरीज मिले

246-गांव में की गई फागिंग

1534-गांव में कराई गई स्पे्र

BAREILLY :

डिस्ट्रिक्ट में प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम में 6632 मरीज सामने आए हैं। रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य महकमा सकते में है। क्योंकि मलेरिया यह प्रकार जानलेवा है। बरेली में बुखार से हुई ज्यादातर मौतों की यह एक बड़ी वजह भी रहा है। फिलहाल, सीएमओ का कहना है कि स्थिति खतरनाक है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने मरीजों के प्रॉपर इलाज और साफ-सफाई के निर्देश भी दिए।

97,647 मरीजों को आरडीटी जांच

बुखार से तमाम मौतें होने के बाद जब स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया तो बड़े स्तर पर आरडीटी किट से मरीजों की जांच की गई। 97647 मरीजों की जांच में 6632 मरीजों में प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया के लक्षण पाए गए। स्वास्थ्य मंत्री की फटकार पर यदि स्वास्थ्य महकमा समय से न चेता होता तो यह जानलेवा बुखार अब तक कई लोगों को काल के गाल में समा ले गया होता।

मलेरिया वार्ड में बढ़े मरीज

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मलेरिया वार्ड भी हाउस फुल चल रहा है। वेडनसडे को बुखार के मरीज बड़ी संख्या में ओपीडी में पहुंचे, जिनकी भीड़ जांच कराने के लिए पैथोलॉजी में पहुंची तो लंबी कतार लग गई। हर कोई अपनी जांच जल्दी कराने में चक्कर में लगा हुआ था। लिहाजा, भीड़ को कंट्रोल करने के लिए होमगार्ड बुलाना पड़ गया।

सीएमओ और एसडीएम पहुंचे गांव

आंवला के ब्लॉक आलमपुर जाफराबाद के गांव खमरियाडांडी में पीएफ के मरीजों मिलने की सूचना पर सीएमओ डा। विनीत शुक्ला, एसडीएम विशुराजा टीम सहित गांव में पहुंचे। एसडीएम ने बताया कि लेखपाल ने गांव में पीएफ से 95 लोगों के संक्रमित होने की रिपोर्ट की थी। सूचना सीएमओ बरेली को दी। जिस पर सीएमओ ने भमोरा सीएचसी प्रभारी डॉ। गौरव शर्मा को टीम सहित गांव भेजा। गांव में जाकर पता चला कि 120 मरीज बुखार से पीडित मिले। जिन्हें कैंप में दवा आदि वितरित की गई। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी। आंवला तहसील को 16 हजार लीटर मिट्टी का तेल अतिरिक्त दिया गया है और बताया गया कि सभी कोटेदार ग्रामीणों को नालियों छिड़काव के लिए तेल मुहैया करा दे।

क्या है प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम

प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) मलेरिया का सबसे खतरनाक रूप माना जाता है। यह प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है। इसमें बुखार सर्दी, उल्टी और जुकाम के लक्षण देखे जा सकते हैं। बेहोशी होने पर मत्यु भी हो सकती है। मलेरिया के सभी मामले में 50 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।