- विश्व पर्यावरण दिवस में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सीएम ने की घोषणा

- 31 जुलाई दी अंतिम समय सीमा, उसके बाद होगी कार्रवाई

DEHRADUN : उत्तराखंड में डिस्पोजेबल प्लास्टिक और पॉलीथिन पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। विश्व पर्यावरण दिवस पर ओएनसीजी ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक को हटाने की अंतिम समय सीमा 31 जुलाई होगी, उसके बाद इसके इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग, उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गति फाउंडेशन ने किया था। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' थी।

 

प्लास्टिक बैन को बनेगी कमेटी

सीएम कहा कि प्लास्टिक बैन पर अमल के लिए राज्य स्तर पर एक कमेटी गठित होगी, इसमें एक सचिव के अलावा पॉलुशन कंट्रोल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और इस क्षेत्र में सक्रिय एनजीओ शामिल किये जाएंगे। इसके बाद हर जिले में डीएम भी इस तरह की कमेटी का गठन करेंगे।

 

वन्यजीवों की मौत का कारण प्लास्टिक वेस्ट

वन प्रमुख जयराज ने प्लास्टिक को वन्य जीवों की मौत का बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि रेलवे के वेंडर पॉलीथिन को वन क्षेत्र में फेंक देते हैं, जहां बड़ी संख्या में छोटे-छोटे वन्य जीव नमक आदि के कारण इस पॉलीथिन को खाते हैं और मर जाते हैं। उन्होंने वन विभाग के कार्यालयों को प्लास्टिक फ्री बनाने का प्रयास करने की भी बात कही।

 

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट का अनावरण

इस मौके पर उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वार्षिक रिपोर्ट के साथ ही दून जू के ब्रोसर का अनावरण किया गया। बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि दून जू को देश के श्रेष्ठ जू में शुमार किया गया है।

 

वेस्ट वॉरियर्स ने दिया प्रेजेंटेशन

वेस्ट वॉरियर्स संस्था ने उत्तरांचल बायोमेडिकल कॉलेज में प्लास्टिक के खतरों को लेकर प्रजेंटेशन दिया। संस्था ने पिछले 10 दिनों में कई जगहों पर लोगों को प्लास्टिक इस्तेमाल न करने की शपथ दिलाई। संस्था ने सीएम को पर्यावरण संरक्षण पर अपने अब तक के कार्याें की रिपोर्ट भी सौंपी।

 

108 सेवा कर्मियों ने रोपे पौधे

108 आपातकालीन सेवा द्वारा इस मौके पर अपने मुख्यालय में वृक्षारोपण किया। इस मौके पर डीजी हेल्थ डॉ। अर्चना श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। उन्होंने बढ़ती गर्मी को रोकने के लिए वृक्षारोपण को जरूरी बताया।