- प्लास्टिक के सामानों के उपयोग को लेकर बढ़ी जागरूकता

- दुकानों पर नहीं दिख रही पॉलीथिन, प्लास्टिक के कप व गिलास भी हुए गायब

VARANASI

शासन के प्लास्टिक के सामानों की बिक्री बंद करने के फरमान के बाद बाजार और घरों में इसका असर दिखने लगा है। बड़ी संख्या में दुकानों में पॉलीथिन का यूज पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पब्लिक ने इस मामले में खासी जागरूकता दिखाई है। घरों में कपड़े, जूट आदि के थैले प्रयोग होने लगे हैं। सब्जी, किराना समेत अन्य दुकानों पर हाथ में झोला लिए लोग पहुंच रहे हैं। सरकारी और गैरसरकारी संगठनों के जागरूकता अभियानों का भी खासा असर पड़ा है।

60 फीसदी तक घटा कारोबार

प्लास्टिक से बने सामानों को प्रतिबंधित करने के फैसले के बाद इसका बाजार 60 फीसदी तक घट गया है। पहले जहां शहर में 80 से 90 लाख का डेली कारोबार होता था। वहीं इस समय आंकड़ा घटकर करीब 40 लाख पर पहुंच गया है। इसकी जगह कागज, कपड़े व जूट से बने थैलों से बने व्यवसाय में तेजी से इजाफा हुआ है।

'माइक्रॉन' को लेकर किचकिच

दरअसल, शासन ने 50 माइक्रॉन से पतले प्लास्टिक से बने सामानों को प्रतिबंधित किया है। नगर निगम व जिला प्रशासन की टीमें अभियान भी चला रही हैं, लेकिन देखने में आ रहा है कि माइक्रॉन की सही पहचान न होने से कई बार दुकानों से उससे ज्यादा क्षमता की पॉलीथिन भी जब्त कर ली जा रही है। इसको लेकर आए दिन निगमकर्मियों और दुकानदारों में किचकिच हो रही है।

व्यापार मंडल की ओर से पॉलीथिन मुक्त काशी अभियान चलाया जा रहा है। दुकानदारों और पब्लिक से पॉलीथिन से बने सामानों का यूज न करने की अपील की जा रही है।

अजीत सिंह बग्गा, व्यापारी नेता

शासन का फैसला सराहनीय है। इससे पब्लिक और दुकानदार काफी जागरूक हुए हैं। प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय और शारीरिक नुकसान को देखते हुए इसका प्रोडक्शन बंद कर देना चाहिए।

चंद्रेश्वर जायसवाल, उद्यमी

प्लास्टिक मुक्त काशी अभियान में समाज के सभी वर्गो को आगे आना चाहिए। इस दिशा में सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर व्यापक जागरूकता की दरकार है।

अमित पांडेय, लंका

प्लास्टिक से बने सामानों को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए। प्लास्टिक के तमाम विकल्प मौजूद हैं। जिसके उपयोग से पर्यावरण संरक्षित रहेगा।

आकाश द्विवेदी, सिगरा