- प्लास्टिक गिलास, प्लेट भी बंद होने से शादी-ब्याह सहित अन्य कार्यक्रमों में लोगों को हो सकती है दिक्कत

GORAKHPUR: पॉलीथिन बैन के बाद 15 अगस्त के बाद से प्लास्टिक के ग्लास और प्लेट की बिक्री भी पूरी तरह बंद हो जाएगी। इसे लेकर अभी से लोग परेशान हो रहे हैं। इनमें खासकर वह लोग शामिल हैं जिनके परिवार में आने वाले दिनों में शादियां होने वाली हैं। प्लास्टिक के ग्लास और प्लेट मार्केट में काफी सस्ते दामों पर मिल जाते हैं जिससे लगन के सीजन में इनकी बिक्री कई गुना बढ़ जाती है। इन पर बैन लगने के बाद से अब शादियों का खर्चा बढ़ जाएगा। क्योंकि इनके बैन का ऐलान तो कर दिया गया है लेकिन विकल्प का कोई इंतजाम नहीं हो सका है।

कागज बन सकता है विकल्प

प्लास्टिक और थर्माकोल के ग्लास प्लेट बैन हो जाने की स्थिति में शादी समारोह आदि कार्यक्रमों का बजट काफी बढ़ जाएगा। क्योंकि इनके विकल्प का अभी तक कोई इंतजाम नहीं हो सका है। लेकिन दुकानदारों के अनुसार कागज के ग्लास बनाए जा सकते हैं। फिलहाल कागज के ग्लास का इस्तेमाल चाय बेचने के लिए छोटे दुकानदार करते हैं। लेकिन प्लास्टिक ग्लास के बैन होने के बाद इन्हें 200 या 250 एमएल की साइज में तैयार किया जा सकता है। यही नहीं कागज के प्लेट भी बनाए जा सकते हैं हालांकि अभी कागज के प्लेट का यूज काफी कम होता है। साथ ही किराए के प्लेट, मिट्टी के कुल्हड़ का भी यूज किया जा सकता है।

शादी का खर्चा होगा भारी

मिट्टी के कुल्हड़, किराए के ग्लास व प्लेट के अलावा कागज के ग्लास-प्लेट का यूज तो किया जा सकता है। लेकिन यह प्लास्टिक ग्लास की तुलना में दोगने से भी ज्यादा महंगा पड़ेगा। प्लास्टिक के 250 एमएल 100 ग्लास की कीमत जहां पर 30 से 50 रुपए होती है। वहीं कागज के ग्लास की कीमत करीब 2 रुपए पड़ेगी। यही हाल प्लेट्स का है। थर्माकोल और प्लास्टिक के 100 प्लेट की कीमत जहां 150 से 200 है वहीं कागज के प्लेट 450 से 500 रुपए में मिलेंगे। प्लास्टिक के ग्लास व प्लेट बैन होने के बाद एक शादी का खर्च करीब 5 से 10 हजार रुपए तक बढ़ जाएगा।

मैरेज हाउस की भी बढ़ेगी समस्या

प्लास्टिक बैन होने से केवल आम पब्लिक ही नहीं परेशान होगी बल्कि मैरेज हाउस के मालिकों को भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्लास्टिक के ग्लास बैन होने के बाद मैरेज हाउस के मालिकों को अन्य बर्तनों के साथ ही ग्लास और प्लेट का भी इंतजाम करना होगा। बात यहीं पर खत्म नहीं होगी, प्लास्टिक के ग्लास एक तरफ यूज होते हैं तो दूसरी ओर डिस्पोज किए जाते हैं। जबकि अन्य बर्तनों को दोबारा यूज करने के लिए उन्हें धोना पड़ेगा। इसके लिए उन्हें लेबर चार्ज पर अधिक खर्चा करना होगा।

यहां होता है इस्तेमाल

- पानी के लिए ग्लास

-कोल्डड्रिंक के लिए ग्लास

-आइसक्रीम के लिए कटोरी

-खाने के लिए प्लेट

-स्वीट के लिए प्लास्टिक प्लेट

-गोलगप्पे के लिए प्लास्टिक कटोरी

वर्जन

प्लास्टिक के कारण प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ गई थी। समस्या से निपटने के लिए ही इन पर शासन ने बैन लगाया है। इसमें सभी को सहयोग करना चाहिए।

- मुकेश रस्तोगी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी